राजकोट (मनहर प्लॉट जैन स्थानक संघ 1 अगस्त 2021) । विश्व के सभी धर्मों का मैत्री ही प्रवेश द्वार है मैत्री के बिना अहिंसा का पालन कदापि संभव नहीं है उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने मनहर प्लॉट स्थानकवासी जैन संघ में संबोधित करते कहा कि जाति पंथ प्रांत और भाषा के संकीर्ण भावों से ऊपर उठकर प्राणी मात्र से समान भाव से मित्र ही सच्ची मित्र है।
उन्होंने कहा कि खून के रंगे कपड़े को खून से साफ नहीं किया जा सकता वैसे ही नफरत को नफरत से समाप्त नहीं किया जा सकता । नफरत अणु बम परमाणु बम से भी खतरनाक है नफरत को प्रेम से जीता जा सकता है।
मुनि कमलेश ने कहा कि नफरत करने वाले से भी प्रेम करता है वही महान पुरुषों की श्रेणी में आता है प्रेम करने वाले के साथ नफरत करता है वह शैतान है। राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि मैत्री परमात्मा का दूसरा रूप है साक्षात मोक्ष के समान है विश्व शांति से संभव है ।
जैन संत ने बताया कि सभी के लिए मैत्री का हाथ बढ़ाता है वह धरती पर चलता फिरता तीर्थ है मैत्री दिवस पर कहां की नफरत करने पर अगले का नुकसान हो या ना हो उस ज्वाला में स्वयं के सद्गुण जलकर नष्ट हो जाते हैं नफरत सबसे बड़ा शत्रु है अक्षत मुनि गौतम मुनि ने मंगलाचरण किया।