


मंदसौर जीवा गंज 3 अगस्त 2022 । खून से रंगा कपड़ा कभी खून से साफ नहीं होता वैसे ही नफरत से नफरत को तीन काल में समाप्त नहीं किया जा सकता । नफरत पर प्रेम से ही विजय प्राप्त की जा सकती है उक्त विचार राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने जैन दिवाकर प्रवचन हाल में संबोधित करते कहा कि नफरत सज्जन को भी शैतान बना देती है उसे दूसरों का नुकसान हो जाना हो उस ज्वाला में स्वयं के जप साधना तीर्थ जलकर स्वाहा हो जाते हैं ।
उन्होंने कहा कि नफरत के कीटाणु परमाणु बम से भी खतरनाक होते हैं बम तो तन का ही नुकसान करता है लेकिन नफरत आत्मा के सद्गुणों को नष्ट कर देती है । मुनि कमलेश ने बताया कि विश्व के सभी धर्म और महापुरुषों ने साधना के माध्यम से नफरत से मुक्ति पाना मुख्य लक्ष्य बताया है। राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि धर्म की ओट में भावों में नफरत का निर्माण होता है वह धर्म भी अधर्म में परिवर्तित हो जाएगा नफरत और धार्मिकता 36 का आंकड़ा है एक साथ नहीं रह सकती । जैन संत ने कहा कि नफरत के कारण ब्लड प्रेशर हार्ड अटैक डिप्रेशनऔर मानसिक रोगों का शिकार हो जाता है आत्मा को दुर्गति का मेहमान बनाता है । तपस्वी घनश्याम मुनि जी के 25 भेरूलाल के 22 उपवास है प्रियंका बोहरा के 34 नितेश सकलेचा 24 सपना नाहर और रेनू खटोड़ के 6उपवास श्री संघ दलोदा के अध्यक्ष सुभाष जैन का सनमान अनोखी लाल नलवाया राजकुमार भंडारी अजीत मारु ने किया समारोह का संचालन विजय खटोड़ ने किया कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया।