आज वैशाख शुक्ल एकादशी
आज से क़रीब 2600 से वर्ष पूर्व वैशाख शुक्ल दशमी को बिहार क्षेत्र की ऋजुबालिका नदी के किनारे पर 24वें तीर्थंकर भगवान् श्री महावीर स्वामी जी को केवलज्ञान प्रकट हुआ था ।
जैसे ही परमात्मा को केवलज्ञान प्राप्त हुआ तो देवताओं ने वहां समवसरण की रचना की । समवसरण में अनेकों देवता – अनेकों पशु पक्षी आये लेकिन कोई मनुष्य न पहुँच सका ।
इसलिए प्रभु ने मात्र 1 मुहूर्त ( 48 मिनट ) ही प्रवचन दिया और वहां से विहार कर मध्यम पावापुरी में पधारे। अगले दिन वैशाख शुक्ल एकादशी के दिन ही प्रभु के सदुपदेश से मनुष्य को सर्वविरति – देशविरति धर्म का उपदेश दिया और शासन की स्थापना की।
शासन के 4 प्रमुख अंग
गौतम स्वामी जी जैसे पंचमहाव्रत धारी साधु ।
चन्दनबाला जी जैसी पञ्चमहाव्रत धारी साध्वी।
आनंद श्रावक जैसे अणुव्रत धारी श्रावक।
सुलसा रेवती जैसी अणुव्रत धारी श्राविकाएं।
ऐसे चतुर्विध संघ की स्थापना वर्षों पूर्व आज के दिन हुई थी।