नैतिकता संसार का स्वर्ग और अनैतिकता है नर्क- आचार्यश्री विजयराजजी मसा

नवकार भवन में चातुर्मासिक प्रवचन

रतलाम,21 जुलाई। परम पूज्य प्रज्ञा निधि युगपुरूष आचार्य प्रवर 1008 श्री विजयराजजी मसा के अनुसार नैतिकता संसार का स्वर्ग और अनैतिकता नर्क है। प्रत्येक व्यक्ति को नैतिकता के साथ रहने का संकल्प करना चाहिए। अनैतिकता से वही बच सकता है, जो स्वीकार करने की हिम्मत रखता हो और जिसकी सुधार करने की नियत होती है।
आचार्य प्रवर ने सिलावटों का वास स्थित नवकार भवन में चातुर्मासिक प्रवचन के दौरान दुर्मति के दोषों का विवेचन करते हुए अनैतिकता को पूरा जीवन खराब कर देने वाला दोष बताया। उन्होंने कहा कि नैतिकता से मेहनत का फल, मुसीबतों का हल और आने वाला कल, सबकुछ मिलता है। लेकिन अनैतिकता नाश की और ले जाती है। नैतिकता के प्रति यदि मन में संकोच रहे, कि इससे जीवन कष्टप्रद हो सकता है, तो उस संकोच को निकाल लेना चाहिए। नैतिकता के प्रति प्रेम हो, तो उसे फैलाना चाहिए, क्योंकि इससे उसका विकास होता है। नैतिकता से यदि मुस्कान हो, तो उसे बढाना चाहिए। मुस्कान वह दान है, जो नैतिकता को महान बना देती है। इससे जीवन में स्वर्ग का अहसास होता है।
आचार्य प्रवर ने कहा कि जीवन औपचारिक और वास्तविक दो प्रकार का होता है। वास्तविक जीवन के लिए हर समय, काल, परिस्थिति में एक जैसा रहना होगा। नैतिकता हमे वास्तविकता में ही ले जाती है। वास्तविक जीवन में जो आनंद होता है, वह औपचारिक जीवन में नहीं होता। नैतिकता का गुण प्रतिभा, पहचान और प्रतिष्ठा सभी देने वाला है।
आरंभ में उपाध्याय, प्रज्ञारत्न श्री जितेशमुनिजी मसा ने कहा जीव कभी अजीव नहीं बन सकता और अजीव कभी जीव नहीं बन सकता। इसलिए प्रत्येक जीव को अपने जीवन को सार्थक करने का प्रयास करना चाहिए। विद्वान सेवारत्न श्री रत्नेश मुनिजी मसा ने भी संबोधित किया। आदर्श संयमरत्न श्री विशालप्रिय मुनिजी मसा ने प्रवचनों पर आधारित रोचक प्रश्न किए। संचालन हर्षित कांठेड द्वारा किया गया।
शनिवार को होगा अदभुत संगम
अभ्युदय वर्षावास में 22 जुलाई को आचार्य प्रवर श्री विजयराजजी मसा एवं पूज्य गणिवर्य श्री कल्याणरत्न विजयजी मसा के प्रवचनों का अदभुत संगम होगा। महान विभुति संगम का यह आयोजन श्री हुक्मगच्छीय साधुमार्गी शान्त क्रांति जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में सुबह 9 बजे छोटू भाई की बगीची में धर्म प्रभावक प्रवचनों के रूप में होगा। संघ अध्यक्ष मोहनलाल पिरोदिया एवं सचिव दिलीप मूणत ने समाजजनों से इस अवसर पर अधिक से अधिक उपस्थित होकर धर्म लाभ लेने का आव्हान किया है।