जावरा (अभय सुराणा) l अहिंसा तीर्थ राष्ट्र संत स्वामी 108 श्री प्रमुखसागर जी महाराज का तीन दिवसीय 20वां संयम महोत्सव का 27 बालक- बालिकाओं के सदगृहस्थ जीवन के सन्मार्ग पर चलकर जीवन आलोकित करने के संकल्प के साथ समापन हुआ l
पुष्पवर्षा योग समिति के प्रवक्ता रितेश जैन ने बताया कि 11 से 13 अक्टूबर तक आयोजित तीन दिवसीय 20वां संयम महोत्सव समारोह अविस्मरणीय इतिहास रच गया l देश के प्रमुख स्थानों कोलकाता ( पश्चिमी बंगाल ) बारा ( राजस्थान ) दाहोद व संतरामपुर ( गुजरात ) अंबाला (पंजाब ) इटावा (उत्तर प्रदेश ) नई दिल्ली , मुंबई , के अलावा मध्य प्रदेश के भिंड ,मंदसोर एवं नीमच से आए गुरु भक्तों ने ” कितने दिनों के बाद आज आई खुशियां घड़ी की ” ” दिल में तुझे बिठाकर कर लूंगा मैं बंद कर लूंगा आंखें पूजा करूंगा तेरी ” एवं “प्रमुखसागरजी के चरण पड़े वह पावन धरती है ” की संगीत की मधुर स्वर लहरियों के साथ गुरुभक्तों ने सपरिवार राष्ट्रसंत को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया l पुष्पवर्षा योग समिति के पदाधिकारियों ने अनंत जैन( मुंबई )अशोक गंगवाल बारा (राजस्थान) सुनील बोरिस (महाराष्ट्र )देवेंद्र जैन (मुंबई) एवं दिनेश भाई (भिंड) व अन्य भक्तों का मोती की माला ,दुपट्टा ,पगड़ी, व प्रतीक चिन्ह से सम्मान किया l पाद प्रक्षालन की बोली का लाभ संतनगर (गुजरात) के गुरुभक्त चंद्रकांत मूलचंद गांधी ने लिया l राष्ट्रसंत श्री प्रमुखसागरजी महाराज के संयम तप के 20 वर्ष पूर्ण होने और वर्ष -2020 के विलक्षण संयोग पर जावरा के 20 बालक- बालिकाओं को सदगृहस्थ जीवन का संकल्प दिलाने की भावना से कहीं ज्यादा 27 बालक बालिकाओं ने संयमित जीवन अंगीकार करने का संकल्प राष्ट्रसंत श्री प्रमुख सागरजी महाराज से मंच पर आकर लिया l
मंगलवार को बी ल एम पैलेस पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रसंत श्री प्रमुखसागरजी महाराज ने कहा कि आनंद ( मेरे सांसारिक पिता ) ने मुझे जन्म दिया तथा गुरु ( आचार्य श्री पुष्पदंतसागरजी महाराज ) ने मेरा जीवन आनंदित किया l पिता और गुरु के आनंद से मेरा जीवन आनंद , खुशियों और उल्लास से भरा है l आपने प्रवचन में कहा कि जीवन में प्रगति करने के लिए संयम की बहुत आवश्यकता है जिस प्रकार जीवन में जल का महत्व है उसी प्रकार जीवन को आलोकित एवं सन्मार्ग पर चलने के लिए संयम जरूरी है l कार्यक्रम में राष्ट्रसंत के गुरु आचार्य श्री पुष्पदंत सागरजी महाराज साहब का वर्चुअल संदेश एवं आचार्य पुष्पसागरजी महाराज साहब का आशीर्वाद ऑडियो संदेश श्रावको को श्रवण कराया गया l कार्यक्रम का संचालन पुखराज सेठी, विजय औरा एवं श्रीमती रानी नरेंद्र गोधा ने किया व अंतिम कियावत ने आभार माना l