कानूनी जागरूकता हेतु कार्यक्रम आयोजित

रतलाम । जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुश्री शोभा पोरवाल के निर्देशानुसार 04 नवम्बर को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री साबिर अहमद खान के मुख्य अतिथ्य एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी सुश्री पूनम तिवारी, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग श्री रविन्द्र कुमार मिश्रा, संरक्षण अधिकारी श्रीमती पवन कुंवर सिसोदिया, अधिवक्ता कु. सुनीता वासनवाल, कु. गायत्री चौहान, सब इंस्पेक्टर सुश्री प्रियंका चौहान, श्री महेश शुक्ला की उपस्थिति में राष्ट्रीय महिला आयोग के निर्देशानुसार कानूनी जागरूकता हेतु कार्यक्रम ग्राम रावटी में आयोजित किया गया।
श्री साबिर अहमद खान ने अध्यक्षीय उद्बोधन में महिलाओं के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं शासन द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं एवं उनके कानूनी अधिकारों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि सभी महिलायें व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से भरण-पोषण, घरेलू हिंसा, दहेज एवं तलाकशुदा महिलाए भी विधिक सहायता/सलाह एवं पारिवारिक परामर्श योजनाओं के माध्यम से न्याय प्राप्त कर सकती है।  सुश्री पुनम तिवारी ने महिलाओं से संबंधित कानूनी प्रावधान एवं विधिक सहायता योजना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्य प्रणाली की जानकारी देते हुए कहा कि तहसील न्यायालयों से लेकर उच्चतम न्यायालय तक सभी स्तरों पर काम करता है जहां पर जाकर सभी महिलाएं निःशुल्क विधिक सहायता का लाभ ले सकती है।
श्री रविन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा संचालन एवं आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में बाल संरक्षण अधिकारी श्रीमती पवन कुंवर सिसौदिया द्वारा महिआओं के हित संरक्षण एवं ज्युबेनालय जस्टिस बोर्ड एवं पास्को ऐक्ट के बारे में बताया।कार्यक्रम में अधिवक्ता कु. सुनीता वासनवाल ने संविधानिक विषयों मौलिक कर्तव्य एवं मौलिक अधिकारों के विषय में बताया जैसे- लिंग, रंग भेद के आधार पर महिलाओं को रोका जाना। भारतीय संविधान के अनु. 226संविधानिक उपचारों में लगने वाली याचिकाओं के बारे में बताया। बंदी प्रत्यक्षीकरण व सभी पारिवारिक समस्याओं, तलाक, महिलाओं के अधिकार, मेंटेनेंस, विधवाओं/सतियों के द्वारा सास-ससुर से मुआवजें की मांग, महिलाओं का संपत्ति पर समान अधिकार के संबंध में धारा304 बी, के अंतर्गत आने वाले दहेज मृत्यु के संबंध में तथा धारा 326 ए व बी एसीड अटेक में पांच वर्ष से अधिक समय की सजा के बारे में विस्तृत से बताया।
अधिवक्ता कु. गायत्री चौहान द्वारा अपने उद्बोधन में महिलाओं के प्रति क्रूरता कारित करने, महिलाओं को शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना, पास्कों एक्ट, घरेलू हिंसा, श्रम अधिनियम, महिलाओं की गिरप्तारी, मातृत्व लाभ एवं लिंग परीक्षण व गर्भपात के निषेध के संबंध शिविर में उपस्थित महिलाओं को जानकारी दी।
सुश्री प्रियंका चौहान एवं श्री महेश शुक्ला द्वारा  महिला ऊर्जा हेल्प डेस्क के बारे में जानकारी प्रदान की गई एवं महिला सुरक्षा संबंधी पैम्पलेट वितरित करते हुये महिलाओं को हेल्पलाईन नंबर के उपयोग हेतु जागरूक किया। शिविर में लगभग 200 महिलाओं लाभांवित हुई। इस अवसर पर श्री विजय शर्मा एवं श्री चेतन ग्वालियरी, पैरालीगल वालेंटियर्स एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रतलाम का स्टाफ उपस्थित था।