आचार्य श्री नयचंद्र सागर सुरीश्वरजी म.सा. एवं गणिवर्य डॉ. अजीतचंद्र सागर जी म.सा. के हुए प्रवचन
रतलाम, 06 अक्टूबर। आचार्य श्री नयचंद्र सागर सुरीश्वरजी म.सा. एवं गणिवर्य डॉ. अजीतचंद्र सागर जी म.सा. की प्रेरणा से बाल मुनि विजयचंद्र सागरजी म.सा. की बाल निश्रा में श्री शिखरजी तीर्थ एवं श्री शत्रुंजय तीर्थ स्वरूप एक दिवसीय बाल पदयात्रा संघ रविवार सुबह गुजराती उपाश्रय से करमदी तीर्थ के लिए निकला। इसमें छोटे-छोटे बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बाल पदयात्रा जहां से गुजरी, वहां उसका भव्य स्वागत अभिनंदन किया गया। बाल पदयात्रा संघ करमदी तीर्थ पहुंचने के बाद धर्मसभा के रूप में परिवर्तित हो गया। आचार्य श्री नयचंद्र सागर सुरीश्वरजी म.सा. ने कहा कि छोटे बच्चों ने अद्भुत कार्य किया है। सामान्य व्यक्ति जो यात्रा नहीं कर सकता है, उसके प्रतीक स्वरूप रतलाम में आज यह यात्रा निकली। इन बच्चों से सभी को प्रेरणा लेना है। अब आपकी बारी है। आपको संघ पति बनने का मौका देते हैं। बच्चों ने जो शौर्य दिखाया,वैसा आपको दिखाना है। गणिवर्य डॉ. अजीतचंद्र सागर जी म.सा. ने कहा कि बच्चे गुल्लक से राशि निकाल कर संघ पति बने है। आप भी संकल्प लो और संघ पति बनो। आपकी चेतना में भाव होगा तो मौका मिलेगा। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि बच्चे संघ पति बनेंगे। जीवन में आप भी ऐसा भाव रखना की बच्चों की तरह हम भी संघ पति बनने का मौका मिले। उन्होने कहा कि आगामी 20 अक्टूबर को बड़ा प्रसंग आ रहा है। रतलाम में महाशतावधान होने जा रहा है। जिसमें हजारों लोग उपस्थित रहेंगे। इसमें रतलाम नहीं, मालवा नहीं बल्कि देशभर के लोग आ रहे है। यह कार्यक्रम सागोद रोड स्थित चंपा विहार में आयोजित होने जा रहा है। इसमें सब अधिक से अधिक शामिल हो |