अनुभूति संस्था ने मनाया अपना 48 वां स्थापना दिवस
रतलाम । आज के समय में साहित्यिक संस्थाएं अल्प जीवी होती है जो समय के दबाव के कारण या अन्य कारणों से ज्यादा समय तक नहीं चल पाती है । ऐसे समय में नगर की साहित्यिक संस्था अनुभूति विगत 48 वर्षो से अपनी साहित्यिक गतिविधियों को संचालित कर रही है । यह अपने आप में एक कीर्तिमान है । इस युग में नई पीढ़ी सोशल मीडिया के कारण रचनात्मक गतिविधियों से विमुख होती जा रही है । जो चिंता का विषय है ।
उक्त विचार रंग निर्देशक एवं पूर्व प्राचार्य श्री ओ.पी. मिश्र ने साहित्यिक संस्था अनुभूति के स्थापना के 48 वर्ष पूर्ण होने एवं उनके सम्मान के प्रत्युउत्तर में व्यक्त किए। व्यंग्य कवि एवं गीतकार श्री जुझारसिंह भाटी ने भी अपने सम्मान उत्तर में कहा कि अनुभूति संस्था अपने कार्यक्रमों के कारण जिले में जानी जाती है । श्री भाटी ने यह भी कहा कि अनुभूति संस्था ने घर की तुलसी को सम्मान दिया है । इस हेतु मैं आभारी हूं ।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में श्री मनोज जैन (मनोकामना) एवं श्री प्रकाश त्रिवेदी (झाबुआ) ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहाकि यह गौरव का विषय है कि रतलाम शहर में अनुभूति विगत 48 वर्षो से सक्रिय होकर उत्कृष्ट साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है । कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि समीक्षक श्री प्रणयेश जैन ने की ।
इस अवसर पर आयोजित काव्य गोष्ठी में सर्वश्री रामचन्द्र फुहार, शिवराज जोशी, सुभाष यादव, डॉ. कैप्टन एन.के. शाह, रामचन्द्र गेहलोत (अम्बर), कैलाश वशिष्ट, मुकेश सोनी, डॉ. मोहन परमार, अकरम शैरानी, सय्यद सौकत अली, प्रकाश हेमावत, सुरेश माथुर, जवेरीलाल गोयल, दिनेश जैन, हेमंत कुमार मेहता आदि ने अपनी-अपनी रचना प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में वरिष्ठ रंग निर्देशक श्री ओ.पी. मिश्र एवं व्यंग्य कवि श्री जुझारसिंह भाटी का संस्था द्वारा शाल श्रीफल एवं अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मान किया गया । अभिनंदन पत्रका वाचन डॉ. मोहन परमार एवं रामचन्द्र फुहार ने किया। कार्यक्रम का संचालन हरिशंकर भटनागर एवं आभार दिनेश जैन ने माना।