दूसरों को दोष देने के बजाय अपना आत्म चिंतन स्वय करें- राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश

मुंबई भायंदर ओस्तवाल बगीची समता भवन 21 अक्टूबर 2024 । बाहर हमारा कोई शत्रु और मित्र नहीं है । हमारे व्यवहार से ही शत्रु और मित्र बनते हैं । उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने संबोधित करते कहा कि दूसरों को दोष देने के बजाय अपना आत्म चिंतन स्वय करें।
उन्होंने कहा कि हमारी मधुर व्यवहार से शत्रु मित्र के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं और दुर्व्यवहार से मित्र भी शत्रु बन जाते हैं । मुनि कमलेश ने बताया कि बांसुरी और वीणा की मधुर झंकार से काले नाग भी वेर को भूलकर झूमने लगते हैं नफरत को भी मधुरता से ही जीता जा सकता है । राष्ट्रसंत ने कहा कि मधुर व्यवहार करने वाला स्वयं रोगों से मुक्त होता है और दूसरों को भी प्रेम और सद्भाव से भरपूर कर देता है । स्वामी भूषण जी ने कहा कि मधुर व्यवहार का प्रभाव इंसान तो क्या पशु पक्षी प्रकृति इंसानों देवों को भी वश में कर लेता है ।
स्वामी जी ने अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली संत प्रकोष्ठ की सदस्यता ग्रहण की, अंतर्राष्ट्रीय मंत्री के रूप में मनोनीत किया गया । स्वामी जी ने आज यहां पर नवकार महामंत्र और राष्ट्रगान बांसुरी के माध्यम से सुनाकर सबके दिलों को जीत लिया। मंच की राष्ट्रीय संरक्षक श्री उमराव सिंह जी ओस्तवाल ने स्वामी जी का स्वागत किया।