विभाजित प्लाट की समस्या के निराकरण के लिए भी किया ध्यान आकर्षित
रतलाम 20दिसम्बर । ‘मप्र जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक’ के विधानसभा में पास होने पर पूर्व महापौर एवं भाजपा नेता शैलेंद्र डागा ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, नगरीय आवास एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और शहर विधायक एवं एमएसएमई मंत्री चेतन्य काश्यप का आभार माना है, साथी श्री डागा ने इसी तरह विभाजित प्लाट के मामले का निराकरण कर प्रदेश और शहर के हजारों मध्यमवर्गीय परिवार को राहत देने की मांग भी की है।
जारी बयान में पूर्व महापौर श्री डागा ने कहा कि इस विधेयक के पास होने के बाद पांच विभागों के 8 प्रमुख कानूनों के 47 प्रावधानों के तहत अब जुर्माना या दंड लगाने के बजाय नगरी निकाय के प्रमुख अधिकारी द्वारा पेनल्टी की जा सकेगी। गंदगी, अतिक्रमण, अवैध निर्माण , पेड़ कटाई सहित कल्याणी मामलों में नगरीय निकाय के अधिकारी सीधे कार्रवाई कर सकेंगे जिससे आम जनता को कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा और इससे कोर्ट का समय भी बचेगा।
विभाजित प्लाट के मामले में भी सरकार ले जल्द निर्णय
श्री डागा ने जारी बयान में कहा कि इसी निर्णय की तरह विभाजित प्लाट के मामले में भी सरकार को जल्द निर्णय लेना चाहिए। आपने कहा कि वर्ष 2012 में प्रदेश शासन ने एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर विभाजित प्लाट के नामांतरण, लीज वृद्धि और भवन निर्माण अनुमति पर रोक लगा दी थी। इस निर्णय से रतलाम सहित पूरे प्रदेश में हजारों परिवार परेशान है। विभाजित प्लाट धारक यह परिवार ना तो अपने प्लाट पर निर्माण कर पा रहे हैं ,नाही पूर्व में इन प्लाटों पर बने मकानों का नामांतरण और लीज वृद्धि हो पा रही है। हजारों मध्यमवर्गीय परिवार शासन को राजस्व देकर नियमानुसार लीज वृद्धि, नामांतरण और भवन निर्माण अनुमति चाहते हैं, लेकिन वे निगम के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने रतलाम में की थी घोषणा
पूर्व महापौर श्री डागा ने कहा कि पूर्व में कई बार विभाजित प्लाट की समस्या के निराकरण के वादे सरकार द्वारा किए जा चुके हैं। नगर निगम चुनाव के दौरान भी रतलाम में विभाजित प्लाट के मामले के निराकरण की घोषणा की गई थी , लेकिन इसके बाद भी नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा अभी तक इस मामले में कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है। श्री डागा ने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव एवं नगरीय आवास एवं विकास विभाग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, एमएसएमई मंत्री चेतन्य काश्यप से हजारों मध्यमवर्गीय परिवारों की परेशानी को देखते हुए वर्ष 2012 में विभाजित प्लाट के मामले को लेकर जारी किए गए आदेश को स्थगित करने की मांग की है, जिससे हजारों लोगों को राहत मिल सकेगी।