रतलाम । निर्वाण पीठाधीश्वर परम पूज्य आचार्य महामण्डेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती जी महाराज, पूज्य स्वामी देवस्वरूपानंदजी पूज्य स्वामी आत्मानंदजी सरस्वती, यज्ञ यजमान श्रीमती प्रेमलता संजय दवे ने त्रिवेणी तट पर सनातन धर्म की ध्वजा का पूजन कर ध्वजा फहराई ।
सुबह त्रिवेणी के पावन तट पर सैकड़ों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में यज्ञाचार्य पंडित दुर्गाशंकर ओझा व 21 भूदेवों के सानिध्य में मुख्य यजमान श्रीमती प्रेमलता संजय दवे, स्वामी विशोकानंदजी, स्वामी देवस्वरूपानंदजी, स्वामी आत्मानंदजी के सानिध्य में ध्वज वंदन तथा हवन कुंड अग्नि प्रवेश कराया। इस दौरान धर्मक्षैत्र परिसर हर-हर महादेव और सनातन धर्म की जय हो, अग्नि नारायण की जय के जयकारों से गूंज उठा । ध्वज वंदन और अग्नि प्रवेश के पश्चात संतो का आशीर्वाद धर्मालुजनों ने लिया ।$
सनातन धर्म सभा एवं महारूद्र यज्ञ समिति के संरक्षक पूर्व विधायक कोमलसिंह राठौर, अध्यक्ष अनिल झालानी, नवनीत सोनी, डॉ. राजेन्द्र शर्मा, ब्रजेश नंदन मेहता, पं. दुर्गाशंकर ओझा, मुख्य यजमान दवे दम्पत्ति, सत्यदीप भट्ट, चेतन शर्मा आदि द्वारा संतो का स्वागत सम्मान कर आशीर्वाद लिया।
धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए आचार्य महामण्डेश्वर विशोकानंदजी भारतीजी ने कहा कि भुत, भविष्य में जो एक होता है वही सनातन है । सनातन किसी व्यक्ति ने नहीं बनाया है । सनातन परमात्मा है यहां सभी सनातनी है । सम्पूर्ण ब्रह्मांड सनातन के अन्तर्गत है । सनातन धर्म में पहला काम यज्ञ है । यज्ञ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को ऊर्जा देने वाली नाभी है । यज्ञ से आपको ऐसी शक्ति प्राप्त हो ताकी अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकें। इंसान को धर्म शास्त्र देखकर कार्य करना चाहिए । धर्म सभा को स्वामी देवस्वरूपानंदजी, स्वामी आत्मांनद सरस्वती जी ने भी सम्बोधित किया। इससे पूर्व सनातन धर्म सभा एवं महारूद्र यज्ञ समिति अध्यक्ष अनिल झालानी ने सम्बोधित करते हुए महारूद्र यज्ञ के बारे में विस्तृत जानकारी दी । पूर्व विधायक कोमलसिंह राठौर त्रिवेणी तट पर महारूद्र यज्ञ कब से प्रारम्भ हुआ से आज तक के बारे में जानकारी दी ।
इस अवसर पर लालचंद टांक, मोहनलाल भट्ट, सुरेश दवे, रमेश व्यास, पुष्पेन्द्र जोशी, कपूर सोनी, मनोज शर्मा, हेमेन्द्र उपाध्याय, राजेश दवे, सोहनलाल व्यास, सतीश पुरोहित, मुन्नालाल शर्र्मा, कैलाश झालानी, महिला मंडल की श्रीमती ताराबहन सोनी, राखी व्यास, आशा शर्मा सहित बड़ी संख्या में धर्मालुजन उपस्थित थे।