रतलाम। परम पूज्य गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म. सा. की निश्रा में सेठिया मैरिज गार्डन पर 25 दिसंबर से 29 दिसंबर तक पांच दिवसीय प्रवचन उत्सव का भव्य शुभारंभ हुआ। शुभारंभ के शुभ अवसर पर सूरजमल मन्नालाल सकलेचा परिवार के निवास स्थान घास बाजार से भव्य प्रवेश यात्रा प्रारंभ हुई। प्रातः से ही सैकड़ो की संख्या में श्रावक श्राविकाएं घास बाजार पहुंचे एवं पूज्य गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म. सा. अपने 80 से अधिक श्रमण श्रमणियों के साथ पधारे। जिनकी परिवारजन एवं उपस्थित समाजजन द्वारा भव्य अगवानी की गई। प्रवेश यात्रा में सबसे आगे इंद्र ध्वजा चल रही थी। कोलकाता के ढोल की सुमधुर आवाज, पांच घोड़े पर धर्मपताका लिये युवजन चल रहे थे। सुसज्जित बग्गियों में परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य देव रामचंद्र सुरीश्वर जी महाराजा, आचार्य बोधिरत्न सुरिश्वर जी महाराजा, आचार्य देव तपोरत्न सुरिश्वर जी महाराजा की तस्वीर शोभायमान रही। उसके पीछे रतलाम की खटकवादी एवं महाकाल उज्जैन की डमरू की टीम चल रही थी। दो सुसज्जित ऊंट संगीत की धुन पर नृत्य कर रहे थे। बीस युवजन ध्वज लेकर चल रहे थे।
पुणे से विशेष रूप से आई खड़कवादी सबके आकर्षण का केंद्र रही। परम पूज्य गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म. सा. एवं प्रभु की जगह-जगह गहुली की गई एवं समाजजन गुरु भगवंत का आशीर्वाद प्राप्त करते रहे। ” गुरु जी हमारो अंतर्नाद हमने आपो आशीर्वाद ” के नारे लगते रहे । दस ढोल की समधुर थाप पर युवजन भाव विभोर होकर नृत्य करते रहे।छ चंवर एवं चार सुसज्जित पंखे भी आकर्षण का केंद्र रहे। तीन सुसज्जित रथों पर प्रभु विराजित रहे। दस चांद छतरी एवं ग्यारह शहनाई वादक भी शहनाई वादन करते हुए चल रहे थे। चौराहे चौराहे पर रंगोली सजाकर अनेक संस्थाओं द्वारा प्रवेश यात्रा का स्वागत किया गया।
इस पांच दिवसीय प्रवचन उत्सव का संपूर्ण लाभ मातोश्री चंदा बेन रजनीकांत भाई शाह, सिकंदराबाद ने प्राप्त किया ।प्रवेश यात्रा घास बाजार, चोमुखी पुल, चांदनी चौक, बजाज खाना, धान मंडी, डालूमोदी बाजार, पैलेस रोड, थावरिया बाजार होते हुए सेठिया मैरिज गार्डन पहुंचकर धर्म सभा में परिवर्तित हो गई। प्रवेश यात्रा में रतलाम महापौर प्रहलाद पटेल, पारस सकलेचा, नवनीत मेहता, कांतिलाल छाजेड़, अशोक चोपड़ा, अशोक लुनिया, हिम्मत गेलड़ा, पप्पू मुंबई वाला, राकेश सकलेचा, अविजीत सुराणा, संजय भंडारी, अश्विन भाई, प्रदीप डांगी, नरेंद्र घी वाला, जयंतीलाल कटारिया, अमृत जैन, दीपक कटारिया, प्रकाश लोढ़ा, अभय लुनिया, विनोद मेहता, अशोक जैन लाला, दिलीप गेलड़ा, जयंतीलाल जैन, शैलेन्द्र नाहर, शैलेन्द्र कोठारी, विजय मेहता, राजेश चोपड़ा आदि सैकड़ो की संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने भाग लेकर धर्म लाभ प्राप्त किया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में पधारे समाजजन को सेठिया मैरिज गार्डन में संबोधित करते हुए परम पूज्य गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म. सा. ने फरमाया कि जन्म मरण की जंजीर से मुक्त कैसे हुआ जाए उस पर चिंतन करना आवश्यक है। हमारा जन्म होता है उसके साथ ही परेशानियां प्रारंभ हो जाती है एवं हम उसको दूर करने के लिए विविध प्रकार के सोल्यूशन पर पुरुषार्थ करते हैं। लेकिन यह समस्त सॉल्यूशन मरण के साथ समाप्त हो जाते हैं एवं हम फिर 84 योनियों में भटक जाते हैं। इन सबसे मुक्ति पाने के लिए 5 दिन के चौदह प्रवचन जिसमें विश्व की अंतिम ताकत समाधि जो कि प्रभु पारसनाथ के चरित्र पर आधारित है, का श्रवण करना महत्वपूर्ण है। पहला प्रवचन प्रातः 7 बजे से, दूसरा प्रवचन 9:15 बजे से एवं तीसरा प्रवचन दोपहर 3:00 बजे से होगा। हर रोज रात को दीपकों की रोशनी में प्रभु भक्ति का आयोजन रहेगा। प्रवचन परिवार द्वारा आयोजित इस प्रवचन उत्सव में देशभर से सैकड़ो श्रावक श्राविकाएं विशेष रूप से धर्म लाभ प्राप्त करने के लिए रतलाम पहुंचे। कार्यक्रम का सफल संचालन परेश भाई द्वारा किया गया।