विपत्ति के समय और सफलता के लिए दुश्मन को भी दोस्ता बनाना पड़े तो बनाओ : शंकराचार्य ज्ञानानंद तीर्थ

गीता भवन पर जारी सात दिवसीय श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव

जावरा। भगवान की लीलाएं तर्क वितर्क से परे हैं, विपत्ति के समय और सफलता पाने के लिए यदि दुश्मन को भी दोस्त बनाना पड़े तो बनाओ, जब तक अपना लक्ष्य प्राप्त ना हो तब तक प्रयत्न करते रहे, प्रयत्न करते रहने से एक दिन सफलता जरुर मिलेगी।
यह बात श्री गीता भवन ट्रस्ट जावरा द्वारा श्री गीता जयंती महामहोत्सव के उपलक्ष्य में सात दिवसीय श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा कथा का रसपान करवाते हुए कथा के चौथे दिन गुरुवार को जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानन्दजी तीर्थ ने कहीं। शंकराचार्य जी ने कहा कि परमात्मा में सम्पूर्ण चराचर ओतप्रोत हैं, परमात्मा सबमे व्याप्त हैं। कथा के चौथे दिन शंकराचार्य जी ने भगवान श्रीराम के प्राकट्य का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान के अवतरंण के समय प्रकृति ने भी अपना रंग बदल लिया, विपरित परिस्थितियों के बावजूद भी फल, फुल खिल उठे, जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, तब आधी रात के समय भी प्रकृति ने अपना रंग बदला और परिस्थितियों को प्रभु के अनुकूल किया।

इन्होने लिया पौथी पूजन व आरती का लाभ

सात दिवसीय कथा के चौथे दिन पौथी पूजन का लाभ अभय श्रीमाल (रिंगनोद), संजय बोरसे, मनोज अग्रवाल, पिपलौदा मंडल अध्यक्ष दिनेश पाटीदार(धामेड़ी), मनमोहनसिंह राणा (पिपलौदा) ने लिया। शाम को आरती का लाभ ट्रस्ट अध्यक्ष व विधायक डॉ राजेन्द्र पाण्डेय के साथ तालीदाना गौशाला अध्यक्ष गजराजसिंह (गज्जु बना), महेन्द्रसिंह बामनखेड़ी, महेश सोनी, मुकेश प्रजापत, रघुवीरसिंह जेतना, नारायणसिंह चिकलाना, अनिल त्रिवेदी के साथ लीनेस क्लब अध्यक्ष पुष्पा गुप्ता, सचिव रेखा रावल, कोषाध्यक्ष संतोष शर्मा, निवृतमान अध्यक्ष कविता कुंवर चौहान, पूर्वाध्यक्ष रजनी अरोड़ा व क्लब सदस्यों ने लिया। आरती के बाद भक्तों को प्रसादी वितरित की गई। प्रसादी का लाभ बाबूलाल निम्बे, बालाराम धाकड़, भेरुलाल सोनगरा, रमेश मनोहरा, जगदीश कुमावत, घनश्याम धाकड़, प्रकाश धाकड़ तथा पुष्पाबाई ने लिया। इस दौरान समिति के अध्यक्ष डॉ.राजेन्द्र पाण्डेय, सचिव अशोक सेठिया, गीता सह-संयोजक कैलाश नारायण विजयवर्गीय, आयोजन समिति सदस्य हरिनारायण अरोड़ा, डॉ. शैलेन्द्र पाण्डेय, मोहन पटेल, राजेन्द्र श्रोत्रिय, गायत्रीप्रसाद मंडलोई, प्रकाशचन्द्र खण्डेलवाल के साथ संत सेवा समिति के दशरथ कसानिया, मनोहर पांचाल, जगदीश कुमावत, दिलीप हेमावत, विनोद अग्रवाल, मनोहरसिंह चौहान आदि उपस्थित रहे। संचालन गीता जयंति महोत्सव संयोजक अभिभाषक आई.पी. त्रिवेदी ने किया।

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