रतलाम । इंदिरा स्वयं सहायता समूह, मछली पालन सहकारी संस्था मर्यादित पिपलौदा को, मत्सयोद्योग जिला रतलाम से अनुदान राशि जारी करने के लिए रिश्वत लेने वाले तत्कालीन प्रभारी सहायक संचालक, मत्सयोद्योग जिला रतलाम को 04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000/- रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन के विशेष प्रकरण क्रमांक 06/2022 में माननीय विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) श्रीमान् आदित्य रावत द्वारा आज दिनांक 27.02.2025 को पारित अपने निर्णय में आरोपी बहादुर सिंह डामर, प्रभारी सहायक संचालक, मत्स्योद्योग जिला रतलाम को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 में दोषसिद्ध पाते हुऐ 04 वर्ष के सश्रम कारावास तथ़ा राशि 2000/- रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित कर आरोपी को जेल भेजा गया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री कृष्णकांत चोहान द्वारा की गई।
प्रभारी जिला अभियोजन अधिकारी जिला रतलाम श्री गोल्डन राय के द्वारा बताया गया कि दिनांक 18.12.2020 को आवेदक शौभाराम धाकड़ ने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उपस्थिति होकर एक लिखित शिकायत आवेदन पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया कि मैं इंदिरा स्वयं सहायता समूह मछली पालन सहकारी संस्था मर्यादित पिपलौदी जिला रतलाम का अध्यक्ष हू। उक्त संस्था का पंजीयन क्रमांक 1094 दिनांक 24.06.2020 है, उक्त सहकारी संस्था का रूपनियाखाल जलाशय में पट्टा अनुबंध है, उक्त पट्टा अनुबंध स्वयं सहायता समूह मत्स्य पालन ग्राम पिपलौदा तहसील जावरा जिला रतलाम एवं बहादुर सिंह डामर, प्रभारी सहायक संचालक, मत्स्योद्योग जिला रतलाम के मध्य संपादित होकर 10 वर्ष तक की अवधि के लिए अनुबंध किया गया। उक्त पट्टा अनुबंध के अनुसार इस संस्था को अनुदान राशि प्राप्त होना थी। उक्त अनुदान राशि जारी करने के लिए बहादुर सिंह डामर, प्रभारी सहायक संचालक, मत्स्योद्योग, जिला रतलाम 25,000/- रूपए की मांग कर रहे है।
आवेदक शौभाराम धाकड द्वारा दिए गए आवेदन पर उप पुलिस अधीक्षक वेदान्त शर्मा, विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन ने रिश्वत की मांग की जाने की पुष्टि की जाने के लिए आवेदक को रिश्वत संबंधी वार्तालाप को गोपनीय रूप से रिकॉर्ड करने के लिए शासकीय डिजिटल वाईस रिकॉर्डर दिया तथा आरोपी बहादुर सिंह डामर और आवेदक शौभाराम धाकड के मध्य हुई रिश्वत संबंधी बातचीत की रिकॉर्डिंग कराई गई। रिश्वत संबंधी बातचीत के दौरान आरोपी बहादुर सिंह डामर ने 25,000/- रूपए रिश्वत की मांग की तथा उक्त रिश्वत की राशि में से आधी राशि लेकर आवेदक को सोमवार-मंगलवार को लेकर बुलाया था।
तत्पश्चात रिश्वत की मांग प्रमाणित पाए जाने पर, विधिवत ट्रैप कार्यवाही दिनांक 22.12.2020 को सहायक संचालक, मत्स्योद्योग जिला रतलाम के कार्यालय से आरोपी बहादुर सिंह डामर को आवेदक शौभााराम धाकड से 25,000/- रूपए रिश्वत लेते हुऐ लोकायुक्त के निरीक्षक वेदान्त शर्मा के द्वारा ट्रेप किया गया। आवेदक शौभाराम धाकड ने निरीक्षक वेदान्त शर्मा को बताया कि आरोपी बहादुर सिंह डामर, प्रभारी सहायक संचालक, मत्स्योद्योग, जिला रतलाम के मांगने पर उसने रिश्वत की राशि 10,000/- उसके हाथ में दिये है, जो उसने रिश्वत की राशि 10,000/- उसने अपनी टेबल की दराज में रखी काली डायरी में रख लिए है। निरीक्षक वेदान्त शर्मा ने विज्ञप्त पंच साक्षी श्री चैनसिंह मिमरोट से कहा कि वे आरोपी बहादुर सिंह डामर से पूछे कि आवेदक शौभाराम धाकड से ली रिश्वत राशि कहा रखी है तो आरोपी बहादुर सिंह डामर द्वारा बताया गया कि शौभाराम धाकड से 10,000/- रूपए अपने हाथों में लेकर अपनी टेबल की दराज में रखी काली डायरी में रख लिए है। इसके बाद विज्ञप्त पंच चैनसिंह मिमरोट ने आरोपी बहादुर सिंह डामर की टेबल की दराज में काली डायरी में रखी रिश्वत के रूपए उठाये और गिने तो 500-500 रूपए 20 नोट कुल 10,000/- रूपए निकले।
इन करेंसी नोटो के नंबरों का मिलान किए जाने पर ये नोट वही नोट पाए गए, जो लोकायुक्त कार्यालय में फिनाफ्थीलीन पावडर लगाकर आवेदक शौभाराम धाकड की जेब में रखवाए गए थे। मौके पर आरोपी बहादुर सिंह डामर के हाथों को सोडियम कार्बोनेट पाउडर के घोल में धुलवाया गया तो घोल का रंग गुलाबी हो गया। एफ.एस.एल. द्वारा रासायनिक परीक्षण में आरोपी के हाथ धुलवाने के घोल और उसकी टेबल की दराज में रखी काली डायरी में रिश्वत की राशि रखी गई थी के पोछन के घोल में फिनाफ्थलीन का परीक्षण धनात्मक पाया था।
विवेचना में अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन द्वारा आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र विशेष न्यायालय रतलाम में दिनांक 30.11.2022 को अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसमें विचारण उपरांत विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा बहादुर सिंह डामर, उम्र 52 वर्ष प्रभारी सहायक संचालक, मत्स्योद्योग जिला रतलाम को दोषसिद्ध किया गया। शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी श्री कृष्णकांत चोहान, विशेष लोक अभियोजक (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के द्वारा की गई है।