जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत कुडैल नदी के पुनर्जीवन के लिये तैयार की जा रही है कार्ययोजना

रतलाम। जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा मिलकर कुडैल नदी पुनर्जीवन किये जाने हेतु निर्णय लिया गया है। कुडैल नदी का उद्गम स्थल ग्राम पंचायत ढीकवा, जनपद पंचायत रतलाम है। नदी के कैचमेंट क्षेत्र में 24 ग्राम पंचायत एवं 39 ग्राम सम्मिलित है।
कुडैल नदी के कैचमेंट क्षेत्र में आने वाली समस्त ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्यो की कार्य योजना तैयार की जा रही है, जिसमें तालाब निर्माण, परकोलेशन तालाब, कंटूर ट्रेंच, बोल्डर बंड, खेत तालाब, कुंआ रिचार्ज, चेकडेम, स्टॉपडेम, पौधारोपण आदि कार्य सम्मिलित किए जा रहे है। कुडैल नदी ग्राम ढीकवा से प्रारंभ होकर 28 कि.मी. का रास्ता तय कर जावरा में मलेनी नदी में मिलती है। संपूर्ण कैचमेंट क्षेत्र में रिज टू वेली पद्धति को ध्यान में रखते हुए जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य किये जाएंगे ताकि अधिक से अधिक वर्षा जल को रोककर जमीन में उतारा जा सकें ।

नदी पुनर्जीवन कार्य से जल संरक्षण संवर्धन के साथ-साथ जल संरचनाओं में भण्डारित जल सिंचाई एवं पशुधन के लिये भी उपयोगी होगा ।
कलेक्टर श्री राजेश बाथम

नदियां हमारी विरासत है, जिसे बचाये रखना हमारा दायित्व है । पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग नदी पुनर्जीवन का एक महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है ।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लालाबाई शंभूलाल चन्द्रवंशी

नदी पुनर्जीवन से जैवविविधता एवं पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ मनरेगा अंतर्गत लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा, जिससे उनकी आजीविका में सुधार होगा एवं किसानों की निजी भूमि में खेत तालाब, कुंआ रिचार्ज आदि कार्यो का लाभ भी मिलेगा ।
श्री श्रृंगार श्रीवास्तव सीईओ जिला पंचायत

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