देश और समाज महिलाओं का सदैव ऋणी रहेगा

रतलाम ।  महिलाएं देश और समाज की आत्मा है जिस प्रकार बिना आत्मा की किसी शरीर की कल्पना नहीं की जा सकती उसी प्रकार महिलाओं के बिना देश और समाज का निर्माण असंभव है । देश और समाज की प्रगति में महिलाओं का योगदान अतुलनीय है सामाजिक विचारिक और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए देश और समाज महिलाओं का सदैव ऋणी रहेगा । उपरोक्त विचार शिक्षक सांस्कृतिक संगठन द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर नवीन कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में महिला शिक्षिका कर्मचारी चिकित्सक तथा चतुर श्रेणी महिला कर्मचारियों के सम्मान समारोह में प्रसिद्ध साहित्यकार चिंतक डॉ मुरलीधर चांदनी वाला ने व्यक्त किए । आपने कहा कि आज चारों तरफ विकास की जो तस्वीर हम देखते हैं उसमें असली रंग भरने का कार्य हमारी नारी शक्ति ले किया है सरकार तथा अन्य क्षेत्रों में नारी की भूमिका बुरी महत्वपूर्ण एवं निर्णायक रही है परिवार संचालन से लेकर देश संचालन तक नारी ने अपनी बुद्धिमत्ता का लोहा मनवाया है.।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही प्रसिद्ध समाजसेवी एवं पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. सुलोचना शर्मा ने कहा कि नारी को दो मोर्चे पर अपने दायित्वों का निर्वाह करना पड़ता है घर परिवार के अपने कर्तव्यों के साथ साथ समाज और देश के नवनिर्माण में योगदान दकर वह सर्वत्र सम्मान के योग्य बन जाती है आज समाज ने महिलाओं की भूमिका को स्वीकार किया है देव काल से लेकर प्रचलित प्रथाओं ने नारी की भूमिका को फिर से नए रूप में स्वीकार किया है जो हमारे समाज के लिए अत्यंत लाभदायक है।कार्यक्रम की विशेष अतिथि प्राचार्य ममता अग्रवाल ने कहा कि समाज का हर क्षेत्र महिलाओं की बुद्धि का उपयोग कर रहा है विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में आज सर्वत्र पुरुषों के साथ बराबरी से नवीन पीढ़ी को दीक्षित कर रही है महिलाओं की समर्पण क्षमता तथा लगन को देखते हुए अन्य क्षेत्रों में भी नारी का सम्मान और भागीदारी बढ़ती जा रही है विशेषकर कला साहित्य और खेलों के दुनिया में कहीं भी अपनी योग्यता से देश और समाज का नाम रोशन कर रही है। संगठन अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि महिला शक्ति पूरे समाज के लिए आदर और सम्मान की  धुरी हे मा बहन भाभी बेटी पत्नी यह सब चरित्र आदर्शों का प्रतिबिंब है जिनका असर हमारे आचरण तथा समाज की सांस्कृतिक धरोहर पर पड़ता है । लायंस क्लब के अध्यक्ष स्नेहा सचदेव ने कहा कि भारतीय महिलाओं का इतिहास आदर्शों से भरा पड़ा है सत्यवान सावित्री की गाथा प्रत्येक महिला के सम्मान को उच्चता के शिखर पर स्थापित करती है भारतीय नारी का आदर्श स्वरूप दिखाई देता है।  आरंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्वल कर कर कम का शुभारंभ किया सरस्वती वंदना नवीन कन्या स्कूल की छात्राओं ने प्रस्तुत की ।  कार्यक्रम में शिक्षा चिकित्सा तथा साहित्य के क्षेत्र में अपूर्व योगदान देने पर महिला गौरव अलंकरण देकर सम्मानित किया गया ।लायंस क्लब की  झॉन चेयर पर्सन श्रीमती वीणा छाजेड तथा सुमन शोध संस्थान की निर्देशक डॉक्टर शोभना तिवारी, ने भी अपने विचार व्यक्त किए । शहर की प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ सुधा राजावत,  डॉ. सुलोचना शर्मा, प्रतिभा चांदनी वाला, डॉ. शोभना तिवारी, ममता अग्रवाल. वीणा छाजेड़, कविता सक्सेना, भारती उपाध्याय, आरती त्रिवेदी, रक्षा के कुमार, अंजुम खान, ताहिरा खान, श्रीमती सीता लिखोसिया, श्रीमती सुरेखा माना, श्रीमती आसरा सिद्दीकी, सीमा खराड़ी, मंजुला कानडे, श्रीमती करुणा राठौड़, रेखा मेहरा, पुष्पा सिसोदिया, उषा पचौरी, नीलम राठौड़, रितु सुरोंलिया, पूनम द्विवेदी, श्रीमती सज्जन बाई, कृष्णा बाई, चंचला बाई आदि को लायंस क्लब रतलाम तथा शिक्षक सांस्कृतिक संगठन  द्वारा स्मृति चिन्ह देकर के सम्मानित किया गया । इस अवसर पर शिक्षाविद पूर्व प्राचार्य ओ.पी.मिश्रा, गोपाल जोशी, कृष्णचंद्र ठाकुर, राधेश्याम तोगड़े, श्याम सुंदर भाटी, वीरेंद्र केथवास, दिलीप वर्मा, रमेश उपाध्याय, दशरथ जोशी, बीके जोशी, मनोहर लाल जैन, लायंस क्लब के नीरज सुरोलिया, दिनेश कुमार, कुलदीप त्रिवेदी, व्याख्याता सुधीर गुप्ता, रमेश चंद परमार सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन रक्षा के कुमार तथा आभार आरती त्रिवेदी ने व्यक्त किया ।