आज आदमी जानवर से भी ज्यादा जहरीला हो गया है- जैन आचार्य प्रसन्नसागर जी महाराज

निमियाघाट/कोडरमा । अहिंसा संस्कार पदयात्रा के प्रणेता साधना महोदधि भारत गौरव उभय मासोपासी आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज निमियाघाट के सहस्त्र वर्ष पुरानी भगवान पारसनाथ की वरदानी छांव तले विश्व हितांकर विघ्न हरण चिंतामणि पारसनाथ जिनेंद्र महाअर्चना महोत्सव पर भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए।
अंतर्मना प्रसन्नसागरजी* ने कहा की आज मिलावट का जमाना है बाजार में मिलावट का कार्य जोरों पर है एक व्यक्ति अपने घर कीड़े मारने की दवा लाया दूसरे दिन जब उसने दवा को देखा तो उस दवा में ही कीड़े पड़ गए थे अब इससे बड़ा भ्रष्टाचार और क्या हो सकता है कीड़े मारने की दवा में ही कीड़े पड़ जाए तो फिर क्या कहना सब जगह मिलावट है पहले तो लोग दूध में पानी मिल आते थे लेकिन अब लगता है कि पानी में दूध मिलाया जा रहा है हर चीज में मिलावट है खाने पीने से लेकर औषधियों में भी मिलावट है इतना ही नहीं विचारों और आदर्शों में भी मिलावट जारी है आदमी बोलता कुछ है और सोचता कुछ है दिखाता कुछ है और देता कुछ है होता कुछ है और दिखता कुछ है बाजार में सब नकली सिक्के चल रहे हैं कहते हैं ना खराब मुद्रा अच्छी मुद्रा को चलन से बाहर कर देती है आज यही हुआ खराब नेतृत्व की वजह से अच्छा नेतृत्व भी बाहर हो रहा है बेईमान नेतृत्व देश का बेड़ा गर्क करने में लगा है आज यहां सब कुछ नकली मिल रहा है
एक नेता को सर्प ने डसा
नेता जी मजे में है और सर्प चल बसा
आचार्य प्रसन्नसागर सागर ने कहा जहरीला है आदमी अब खेतों में रासायनिक खाद डालते हैं उसमें जहर होता है वह जहर अन्न आदमी खा रहा है परिणाम आदमी भी जहरीला हो गया अब आदमी जहर उगलता है वाणी में मिठास है तो वाणी में अमृत है और अगर बानी कर दी है कठोर है तो वह जहर ही तो है आंखों में प्रेम है प्यार है तो उन आंखों से अमृत बरसता है और अगर आंखों में घृणा और नफरत है तो मैं जहर ही तो है व्यवहार में विनम्रता और शालीनता है तो वह अमृत है और अगर व्यवहार में उद्दंडता और अहमान्यता है तो वह जहर ही तो है काम क्रोध मद लोभ मोह क्या जहर नहीं है क्या इनकी वजह से जिंदगी विषाक्त नहीं हो रही है गुस्सा और जिद क्या आप अमृत कहेंगे नही? गुस्सा एक जहर है जिद्द भी एक जहर है । कोडरमा मीडिया प्रभारी राज कुमार जैन अजमेरा, नवीन जैन ने उक्त जानकारी दी।