राजकोट नेमिनाथ वितराग जैन उपाश्रय 17 जुलाई 2021 । शरीर की बाहरी रचना के आधार पर नारी और पुरुष की शक्ति को कम अथवा ज्यादा मानना अज्ञानता का प्रतीक है । उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने नेमिनाथ वीतराग जैन उपाश्रय मे संबोधित करते कहा कि दोनों की आत्मा की अनंत शक्ति में कोई अंतर नहीं है नारी की उपेक्षा साक्षात परमात्मा का अपमान करने के समान है। मुनि कमलेश ने कहा कि मातृशक्ति जितनी सशक्त होगी आने वाली पीढ़ी उतनी ही सुदृढ़ होगी । उन्होंने कहा कि जितने भी महापुरुष हुए हैं उनके विकास में नारी का योगदान ऑक्सीजन से महत्वपूर्ण है ।
जैन संत ने बताया कि नारी शक्ति आध्यात्मिकता से ओतप्रोत होगी तो खुद का कल्याण होगा और भविष्य का भी निर्माण होगा । मुनि कमलेश के प्रवचनों का भारी संख्या में जनसमूह लाभ ले रहा है । मुनि कमलेश की एक झलक पाने के लिए जनता उमड़ रही है । घनश्याम मुनि, गौतम मुनि, अरिहंत मुनि ने विचार व्यक्त किए। कौशल मुनि, अक्षत मुनि ने गीत प्रस्तुत किया । श्रावक संघ ने मुनि कमलेश के 2022 की चातुर्मास की पुरजोर विनंती प्रस्तुति