अभी आचार्य श्री ससंघ तीर्थराज सम्मेदशिखर जी के बिसपंथी कोठी में है विराजमान
सम्मेदशिखर जी । भगवान महावीर के बाद जैन धर्म के सबसे तपस्वी मोन पूर्वक सिंहनिस्क्रीडित ब्रत करने वाले दिगंबर जैन संत अन्तर्मना प्रातः स्मरणीय आचार्य श्री 108 परम पूज्य प्रसन्न सागर जी महाराज का 557 दिनों का मौन साधना करने जा रहे हैं । आचार्य श्री ससंघ तीर्थराज सम्मेदशिखर जी के बिसपंथी कोठी में विराजमान है।
मुनि श्री 108 पीयूष सागर जी महाराज ने बताया कि आचार्य श्री 20 जुलाई को षठ रस त्यागी आचार्य श्री 108 संभव सागर जी महाराज सिहनिस्क्रीडित व्रत ग्रहण कर 21 जुलाई से गुरुदेव का मौन साधना प्रारंभ करेंगे जो जो 23 जनवरी 2023 लगभग 19 माह तक चलेगा जिसमें आचार्य श्री 496 उपवास और 61 दिन आहार ग्रहण करेंगे अभी भी आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज आज से कई वर्षों से प्रतिदिन एक आहार और एक उपवास कर रहे हैं इसी बीच अगर अष्टमी चौदस होती है तो आचार्य श्री का 2 दिन का उपवास के बाद आहार ग्रहण करते है इसी क्रम में आचार्य श्री हजारों किलोमीटर यात्रा घर सम्मेद शिखर जी पधारे मुनि श्री ने कहा अन्तर्मना मैं वात्सल्य इतनी भरी है कि जो भी भक्त गुरु का दर्शन करता है वह गुरु का हो जाता है गुरुवर का चतुर्मास कलश स्थापना 23 जुलाई को होगा इसी क्रम में महा मौन साधना के पूर्व प्रतिदिन गुरु के दर्शन के लिए अच्छी संख्या में गुरु भक्त पधार रहे हैं कोडरमा मीडिया प्रभारी राज कुमार जैन अजमेरा, नवीन जैन ने दी।