उद्दंड आचरण के लिए कांग्रेस के सात सांसद शेष संसद सत्र के लिए निलंबित

नई दिल्ली। बजट सत्र के दूसरे भाग के दौरान लोकसभा में हंगामा करने और उद्दंड आचरण के लिए कांग्रेस के सात सांसदों को शेष सत्रावधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. कांग्रेस के सात लोकसभा सदस्यों को गुरुवार को सदन का अपमान करने और ‘घोर कदाचार’ के मामले में मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीने जाने और उछालने का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संसदीय इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है. निलंबित सांसद गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, एडवोकेट डीन कुरियाकोस, बेनी बेहनन, मणिक्कम टैगोर, राजमोहन उन्नीथन तथा गुरजीत सिंह औजला हैं.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सदस्यों गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को निलंबित करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. पीठासीन सभापति ने मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘‘जिन माननीय सदस्यों को निलंबित किया गया है वे तुरंत बाहर चले जाएं।”
इससे पहले पीठासीन सभापति लेखी ने अपराह्न तीन बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कहा, ‘‘आज दोपहर सदन में चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों ने सभा की कार्यवाही से संबंधित आवश्यक कागज अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक छीन लिए और उछाले गए. संसदीय इतिहास में ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संभवत: पहली बार हुआ है जब अध्यक्ष पीठ से कार्यवाही से संबंधित पत्र छीने गए. मैं इस आचरण की घोर निंदा करती हूं।”
उन्होंने संसदीय प्रक्रिया नियमों के नियम 374 के तहत उक्त सदस्यों को नामित किया।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज संसद में जो हुआ वो लोकतंत्र के लिए शर्मिंदा दास्तान है. विपक्ष सरकार से मांग कर रहा है कि दिल्ली के दंगों पर चर्चा हो, देश की छवि धूमिल हो रही है. मजहबी दरार बढ़ रही है. देश की खातिर सदन में चर्चा हो. पिछली दो तारीख़ से मांग कर रहे हैं, सब पर योगदान करेंगे. पहले दिल्ली दंगों ओर बात हो. स्पीकर ने कहा कोरोना को लेकर बात हो, हम तैयार हो गए।
उन्होंने कहा कि सदन जब चलने लगा तो फिर मांग की. राहुल और सोनिया को गाली दी गई. हमने कहा 11 को हो सकता है, आज क्यों नहीं? बदले की भावना से. पूरे सेशन के लिए सस्पेंड. सरकार डरी हुई है. यह तानाशाही का फैसला है. सरकार का फैसला है, स्पीकर का नहीं है. सात सदस्यों का निलंबन करने से डरने वाले नहीं हैं. जंग हमारा जारी रहेगी. हमारी मांग है कि दिल्ली दंगों पर चर्चा हो . हम दूसरे नेताओं से इसपर बात कर रहे है . ये हमारा अधिकार है. यह एक संवेदनशील मामला है, और जनता से जुड़े मुद्दे उठाएंगे।
लोकसभा से सात कांग्रेस सांसदों के निलबंन पर बसपा के सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा कि ये गलत हुआ है. सरकार बहस करने से पीछे भाग रही है. दबाना चाहते हैं हर चीज को. यहां पर पहले भी विरोध होते थे. लोकतंत्र की हत्या हुई है. दिल्ली दंगों पर क्यों नहीं बात हो. स्पीकर भी नहीं थे, सरकार ने फैसला लिया.