रतलाम (मोतीलाल बाफना)। कल शनिवार 13 मार्च 2020 को रतलाम सहित पूरे देश में रंगपंचमी पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा । इस मौके पर रंगारंग गैर का आयोजन भी किया जाएगा । रतलाम, मंदसौर, नीमच, इंदौर आदि शहरों में रंगपंचमी को पारंपरिक रूप से मनाई जाएगी है। इस दिन पूरे शहर में रंगारंग जुलूस निकाले जाते हैं। यहां होली के पश्चात रंग पंचमी के दिन पुन: एक दूसरे पर रंग उड़ेले जाते हैं। गाजे-बाजे के साथ जुलूस की शक्ल में लोग निकलते हैं इस जुलूस को गेर कहा जाता है। इसमें सभी धर्म व जातियों के लोग शामिल होते हैं। इस दिन विभिन्न रंगों में रंगा नजर आता है और सांस्कृतिक उत्सवों की धूम मची रहती है। इसके अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी इस दिन धार्मिक सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किये जाते हैं।
रंग पंचमी होली पर रंगों में रमे होते हैं देवता
रंग पंचमी होली का ही एक रूप है जो देश के कई क्षेत्रों में चैत्र मास की कृष्ण पंचमी को मनाया जाता है। दरअसल होली का जश्न कई दिनों तक चलता है और इसकी तैयारियां होली के दिन यानि फाल्गुन पूर्णिमा से लगभग एक महीने पहले शुरू हो जाती है। फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन के पश्चात अगले दिन सभी लोग उत्साह में भरकर रंगों से खेलते हैं। रंगों का यह उत्सव चैत्र मास की कृष्ण प्रतिपदा से लेकर पंचमी तक चलता है। इसलिये इसे रंग पंचमी कहा जाता है। इसके पीछे की मान्यता यह है कि इस दिन जो भी रंग इस्तेमाल किये जाते हैं जिन्हें एक दूसरे पर लगाया जाता है हवा में उड़ाया जाता है उससे विभिन्न रंगों की ओर देवता आकर्षित होते हैं। साथ ही मान्यता है कि इससे ब्रह्मांड में सकारात्मक तंरगों का संयोग बनता है व रंग कणों में संबंधित देवताओं के स्पर्श की अनुभूति होती है। रंगपंचमी 2020 में अंग्रेजी कलैंडर के अनुसार 13 मार्च 2020 को है। यह होली के पर्व का अंतिम दिन भी मानी जाता है।