सुबह 3 बजकर शुरू होगा मुहुर्त-ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन
सुबह 3 बजकर शुरू होगा मुहुर्त-ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन
भोपाल । इस बार माघ माह शुक्ल पंचमी 5 फरवरी को बुह 3 बजकर 47 मिनट से शुरू होगी और 6 फरवरी की सुबह 3 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी । इस तरह बसंत पंचमी का पर्व 5 फरवरी को मनाया जाएगा ।
इस दिन सिद्धी योग सर्वोदय से शाम 5.40 बजे तक और रवि योग शाम 4.08 बजे से पूरे रात रहेगा। यह कहना है ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन का,पूजा के लिए शुभ समय सुबह 7 बजकर 7 मिनिट से दोपहर 12 बज कर 57 मिनट तक है । पौराणिक कक्षा के अनुसार जब ब्रह्मा ने सृष्टि के सजृन की, तो महसूस किया कि जीवों की सृजन के बाद भी चारों और शांति है उनमें कोईराग, चहक, आवाज नहीं है ।
तब उन्हें चिंता हुई इसके बाद उन्होंने विष्णुजी से अनुमति लेकर अपने कमंडल से जल पृथ्वी पर छिड़काएं, जिससे पृथ्वी पर एक अदभुत शक्ति प्रकट हुई उसमें कम्पन्न होने लगा । अत्यंत तेजवान इस शक्ति स्वरूप के एक हाथ में पुस्तक, दूसरे मेंपुष्प वीणा, कमंडल और माला वगैरह थी जैसे ही देवी ने वीणा का मधुरनाद किया चारो और ज्ञान और उत्सव का वातावरण उत्पन्न हो गया। वेद और मंत्र गूंजने लगे जिस दिन से घटना घटी, उस दिन माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी, तब से इस दिन को माता सरस्वती के जन्म दिन तौर पर मनायाजाने लगा । इस दिन को सरस्वती मंदिरों में विशेष उल्लास और बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है, बसंती भोज लगाया जाता है । बसंती गीत गाए जाते है। इस दिन बड़े उत्साह से महिलाएं और बच्चे बसंती पीले परिधान करतेहैऔर मां सरस्वती जी का पूजन करते है विद्या बुद्धि की देवी माँ सरस्वती के शारदा देवी, वीणावादिनी, बागीश्वरी विद्या और संगीत की देवी अनेक रूपों में जाना और पूजा जाता है । इस दिन विद्यालय और कॉलेज में भी हर छात्र और छात्रा विद्या की देवी सरस्वती का पूजन करते है और किसी नए विषय का अध्ययन करना चाहिए । इस दिन के बाद सर्दी कम हो जाती है पेड़ पौधे पुष्पित होने लगती है चारो तरफ मनोहारी रूप दिखाई देने लगता है ।