मुंबई ठाणे केंद्रीय जेल 5 जनवरी 2025 । कुसंगति व्यक्ति के पतन और विनाश का मुख्य कारण है जो आतंकवाद से भी खतरनाक है । उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने केंद्रीय जेल में व्यवस्था मुक्ति एवं परिवर्तन पर 5000 बंदी एवं प्रशासनिक अधिकारियों को संयुक्त संबोधन में कहा की बुरी संगति संस्कारों की होली, तन की बर्बादी, और धन का नाश चरित्र का पतन करती है।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति जन्म से कोई डाकू, संत नहीं होता । जैसी संगति मिलती है उसमें ढल जाता है । बुराइयां घुसपेठिया की तरह अंदर में घुस जाती है अच्छाइयों के लिए सीखने का प्रयास करना पड़ता है ।
मुनि कमलेश ने कहा कि क्रोध, लोभ, मोह के आवेश में सज्जन यहां तक संत भी मार्ग से भटक जाते हैं । अपनी गलती का पश्चाताप करके पापी भी पूजनीय बन जाता है।
राष्ट्र संत ने कहा कि प्राणी मात्र की आत्मा को निस्वार्थ भाव से सेवा करके जो दुवाए प्राप्त करता है निकलती वह परमात्मा के आशीर्वाद से बढ़कर होती है हमारे नसीब बदल देती है । जैन संत ने बताया कि पेंटर चाहे जैसा चरित्र मूर्तिकार चाहे जैसे मूर्ति बना सकता है वहीं से हम भी अपने जीवन का निर्माण अपने हाथों से कर सकते हैं भगवान और भाग्य के भरोसे ना रहे पुरुषार्थ का सहारा है।
अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली की ओर से 2005 में ठाणे केंद्रीय जेल में अहिंसा गौशाला प्रारंभ की थी उसका अवलोकन किया अधिकारियों ने मुनि कमलेश जी का अभिनंदन किया जेल के बंधुओ ने नशा मुक्ति और दोबारा अपराध न करने का संकल्प लिया डोंबिवली एवं ठाणे संघ एवं दिवाकर मंच के कई कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम में भाग लिया 6 जनवरी को ठाणे में वीरांगना सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है । डोंबिवली संघ अध्यक्ष बसंती लाल चपलौत गौ सेवा महिला मंडल प्रमुख वैशाली चपलौत दिवाकर मंच महिला शाखा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वरिष्ठ कार्यकर्ता मधु ओस्तवाल ने भी विचार व्यक्त किए । ठाणे संघ से गणेश जैन भारत साबला विनोद जैन अलकेश जैन ने सेवा का लाभ लिया।