मध्यप्रदेश ऐसी पहल करने वाला पहला राज्य
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दी श्रम कानूनों में परिवर्तन की जानकारी
रतलाम । मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाकर रोजगार के अवसरों में वृद्धि, नये निवेश को प्रोत्साहित करने और श्रमिकों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से श्रम सुधारों की घोषणा की है। श्री चौहान ने कहा कि इन श्रम सुधारों से कोविड महामारी से प्रभावित उद्योगों एवं व्यवसायों को पुन: पटरी पर लाने के साथ ही आर्थिक क्षेत्र की चुनौतियों को अवसर में बदला जा सकेगा। कोरोना के विश्वव्यापी संकट ने अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव डाला है। अब धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होती जा रही है। प्रदेश में अब आर्थिक गतिविधियों की पुन: शुरूआत हो गयी है। बदली हुई परिस्थितियों में पुराने उद्योग अपने स्थान परिवर्तन पर विचार कर रहे है। वहीं नये उद्योग अपने लिये अनुकूल वातावरण वाले स्थान को प्राथमिकता दे रहे है। बंद आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिये श्रम सुधारों को लागू करने वाले मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज फेसबुक लाइव के माध्यम से श्रम कानूनों में किए गए परिवर्तनों की जानकारी दीं। उन्होने कहा कि कोरोना संकट के पश्चात उद्योगों को जरूरी रियायतें देने के लिए उठाए गए कदम कारखाना मालिकों को और श्रमिकों के मध्य परस्पर सहयोग का वातावरण निर्मित करेंगे। विभिन्न तरह की अनुमतियों के लिए उद्योग क्षेत्र को बड़ी राहत प्रदान की गई है। प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है और दफ्तरों के चक्कर लगाने के काम से मुक्ति दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि पूरे विश्व में कोरोना का संकट है। हमारा देश और प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। हमें लड़कर कोरोना को पराजित करना है। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था पर जो बुरा प्रभाव पड़ा है उसे कम करने के लिए और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी इस दिशा में प्रभावी नेतृत्व कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में आर्थिक गतिविधियों की पुन: शुरूआत की गई है। नए उद्योगों को अनुकुल वातावरण उपलब्ध करवाया जा रहा है। श्रम सुधार करने के पीछे मुख्य उद्देश्य अन्य स्थानों से स्थानंतरित हो रहे उद्योगों और नए स्थापित होने वाले उद्योगों को आकर्षित करना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सरलता से नए उद्योग लग सकेंगे, लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और श्रमिकों के हितों की रक्षा होगी। उद्योग जगत में विश्वास का वातावरण बनेगा।
दुकानों के समय में वृद्धि
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना ने सोशल डिस्टेंसिंग के महत्व से परिचित करा दिया है। बाजारों में भीड़ न हो इस उद्देश्य से प्रदेश की दुकानों के खुले रहने का समय सुबह 8 से रात्रि 10 के स्थान पर सुबह 6 से रात्रि 12 बजे तक रहेगा। इसके लिए आवश्यक अधिसूचना जारी कर दी गई है। कारखानों में कार्य की पाली आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दी गई है। कारखाना मालिक अब खुद शिफ्ट परिवर्तित कर सकेंगे।
मंडी अधिनियम बदला
श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में मंडी अधिनियम में परिवर्तन कर किसानों को घर बैठे उपज विक्रय, निजी मंडियों में फसल बेचने जैसे विकल्प उपलब्ध करवाए गए हैं। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में श्रमिकों के हित से कोई समझोता नहीं होगा। श्रम कानूनों में जो संशोधन किए गए हैं, उसके फलस्वरूप प्रदेश को आगे बढ़ाने में सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विस्तारपूर्वक श्रम सुधारों की जानकारी प्रदान की।
पंजीयन और लाइसेंस सिर्फ एक दिन में
- पंजीयन और लाइसेंस का कार्य तीस दिन के स्थान पर एक दिन में होगा। इससे कारखानों दुकानों, ठेकेदारों, बीड़ी निर्माताओं, मोटर परिवहन कर्मकार, मध्यप्रदेश भवन तथा अन्य संनिर्माण कर्मकार अधिनियम में आने वाली निर्माण एजेंसियों का पंजीयन/लाइसेंस एक दिन में मिलेगा।
- लोक सेवा गारंटी अधिनियम में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
- कारखाना लाइसेंस नवीनीकरण अब एक साल की बजाय दस साल में कराये जाने का प्रावधान किया गया है।
- ठेका श्रम अधिनियम में केलेण्डर वर्ष की जगह संपूर्ण ठेका अवधि के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा।
- नए कारखानों का पंजीयन/लाइसेंस जारी करने की आनलाइन व्यवस्था होगी।
- स्टार्टअप उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उन्हें सिर्फ एक बार पंजीयन कराना होगा। नवीनीकरण करवाने की जरूरत नहीं होगी।
कारखानों में 12 घंटे की पाली, ओवरटाइम बढ़ा
कारखानों में कार्य करने की पालियां 8 घंटे से बढ़कर 12 घंटे की होंगी। सप्ताह में 72 घंटे की ओवरटाइम मंजूरी दी गई है। कारखाना नियोजक उत्पादकता बढ़ाने के लिए सुविधानुसार शिफ्टों में परिवर्तन कर सकेंगे। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
एक ही रजिस्टर, एक ही रिटर्न
कारखानों में कार्य की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए श्रम कानूनों के अंतर्गत 61 रजिस्टर रखने और 13 रिटर्न दाखिल करने की जगह एक ही रजिस्टर और एक ही रिटर्न दाखिल करने की व्यवस्था की गई है। रिटर्न फाइल करने के लिए स्व-प्रमाणन हो सकेगा।