अज्ञानता में किया गया आराधना उपासना कर्म बंधन का कारण और विवादों का अखाड़ा ही बनेगा -राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश

भीम । जैन स्थानक आधारहीन आरोप-प्रत्यारोप के अंदर समय और शक्ति और पैसा बर्बाद करना अज्ञान दशा का प्रतीक है अज्ञानी सबसे महान शत्रु है उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने भगवान बुद्ध के जन्मदिवस पर मंगल संदेश देते हुए कहा कि अज्ञान दशा ने किया गया आराधना उपासना कर्म बंधन का कारण और विवादों का अखड़ा ही बनेगी मुनि कमलेश ने स्पष्ट कहा कि विवादों में मूल विषय से भटक कर समस्या सुलझाने के बजाय भंवर जाल में फंस जाते हैं ।
उन्होंने कोरोनावायरस वैश्विक महामारी भयंकर प्रकोप के लिए अज्ञानी मानवकभी चमगादड़ को दोष देता है इससे बीमारी पैदा होरही बताकर उसे मौत के घाट पर उतारने को उतारू हो रहा है यह अज्ञान दशा है कोरोनावायरस की ओट में परस्पर नफरत फैलाना अमानवीय कृत्य है
राष्ट्रसंत ने कोरोनावायरसको कृतिम बता करपरस्पर मिलकर बीमारी को मिटाने के बजाय अपनी शक्ति संघर्ष में लगाकर बीमारी को फैलने का पाप कमा रहे हैं इस समय बीमारी पर नियंत्रण लाना मुख्य लक्ष्य होना चाहिए।
जैन संत ने स्पष्ट कहा कि प्राकृतिक प्रकोप का जन्मदाता स्वयं इंसान है प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का दुष्परिणाम है ऐसे में नाखुदा और भगवान को दोष दे मुनि कमलेश ने जनता से आव्हान किया कि वैज्ञानिक अनुसंधान उनके नियम और सरकार के आदेशों का कड़ाई से पालन करें यही समय की सबसे बड़ी मांग है मतभेदों को दूर करें एकजुट होकर पूरा विश्व कोरोनावायरस को हराएं हम बैठे रहे विवादों में उलझे रहे तो कोरोनावायरस संपूर्ण मानवता को न नि गल जाएअखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंचनई दिल्ली द्वारा बुद्ध जयंती के उपलक्ष में स्थान स्थान पर विश्व शांति के लिए सर्व धर्म सभा का आयोजन किया जा रहा है।