लॉकडाउन ओर विपक्ष की राजनीति?

(अभय कोठारी जलमित्र समाचार)
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने एक बयान देते हुए कहा कि भारत में लॉकडाउन फेल हो गया है। उनके अनुसार देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 21 दिन में लॉक डाउन से देश कोरोना बीमारी से लड़ लेंगे। श्री राहुल गांधी का यह बयान बचकाना लगता है ।
वास्तव में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र जी मोदी का निर्णय सही समय पर लिया गया सही फैसला था। जिस समय भारत में लाकडाऊन लगाया गया उसी समय विश्व के अन्य देशों ब्राजील स्वीडन आदि में भी कोरोना के मरीज मिलना प्रारंभ हुआ थे। लेकिन उन्होंने उस समय लॉकडाउन नहीं लगाया, आज इन देशों में कोरोना से मरने वालों की सख्या काफी अधिक है जबकि भारत में मात्र 3′ हे।
पहले लाकडाउन के पश्चात देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी ने चार बार देश के सभी मुख्यमंत्रियों से चर्चा की जिनमें कांग्रेस शासीत राज्यो के मुख्यमंत्री भी शामील हे और उसके पश्चात ही लाकडाउन बढ़ाने का फैसला लिया गया। इसमें सबसे रोचक बात यह है कि प्रत्येक चर्चा के पश्चात और लाकडाउन बढ़ाने से पूर्व ही दिल्ली, पंजाब ,महाराष्ट्र ,राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना जैसे प्रांतों के द्वारा केंद्र से लाकडाउन लगाने की घोषित होने से पूर्व ही अपने राज्यों में लाकडाउन की घोषणा कर दी गई ।
ऐसे में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष का बयान कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के निर्णय पर ही प्रश्नचिन्ह लगाता है। या तो राहुल गांधी सही है या फिर कांग्रेस शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री या ऐसा कर केन्द्र सरकार एवं प्रधानमंत्री के लाकडाऊन लगाने के निर्णय को जानबुझ कर असफल करने का षंडयत्र ।
इस प्रकार के बयान देकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष स्वयं को और कांग्रेस पार्टी को जनता के बीच में हंसी का पात्र बना रहे हैं।
कांग्रेस द्वारा इस दौर में की गई राजनीति बयान बाजी को अगर देखा जाए तो उसने सरकार के सारे निर्णय को गलत बताया उसके अनुसार जो 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया गया वह मात्र दिखावा था और इससे लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ वहीं दूसरी ओर प्रवासी मजदूरों के मामले में भी कांग्रेस की बयान बाजी सरकार को एवं उसके कदमों को गलत ठहराने वाली ही दिखाई दी। यहां तक कि कांग्रेस की महामंत्री श्रीमती प्रियंका वाड्रा ने तो उत्तर प्रदेश की सीमा पर 1000 बसे ही खड़ी कर दी जबकि उत्तर प्रदेश की सरकार ने लाखों प्रवासी मजदूरों को अन्य प्रदेशों में से लाने का काम पहले ही कर लिया था। ऐसा कर उन्होंने प्रवासी मजदूरों को लेकर किते ग्रे प्रयासो पर सवाल खड़े करने की कोशिश की परन्तु उसमें भी उन्हें असफलता ही हाथ लगी। लगता है कांग्रेस ने जनता के बीच लाक डाउन को असफल बनाने का हर संभव प्रयास किया परन्तू उसे असफलता ही हाथ लगी । वास्तविक धरातल पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ देश की जनता ने खड़े होकर इस लाकडाऊन को सही साबित किया है।