गाय संस्कृति का आधार प्रकृति का प्राण और धार्मिकता का आधार स्तंभ है – राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश

सुखेड़ा महावीर गौशाला 7 दिसंबर 2022 । गोचर भूमि के अतिक्रमण को मुक्त कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अनदेखा करना संविधान का अपमान करने के समान है उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर पुण्य स्मृति पर संबोधित करते कहा कि राज्य सरकारे तत्काल भू माफिया से गोचर भूमि मुक्त कराए अथवा नैतिकता के आधार पर यू सत्ता को छोड़ दें। उन्होंने कहा कि गोचर भूमि पर अवैध कब्जा करने वाले महा कसाई है जो गौ माता के मुंह से निवाला छीन रहे हैं।
मुनि कमलेश ने कहा कि गोचर भूमि पर भवन खड़ा करना भी सरासर अन्याय है जब कत्लखाने को जमीन दे सकती है गौशालाओं को क्यों नहीं।
राष्ट्रसंत ने कहा कि ग्राम पंचायत पर गौशालाओं का निर्माण के कार्यों को सरकार को प्राथमिकता देनी चाहिए गोवंश के रोड पर होने पर इंसान और पशु दोनों का एक्सीडेंट होता है अकाल मौत के शिकार भी होते हैं।
जैन संत ने बताया कि गाय संस्कृति का आधार प्रकृति का प्राण और धार्मिकता का आधार स्तंभ है पर्यावरण स्वास्थ्यऔर आर्थिकता के लिए ऑक्सीजन से महत्वपूर्ण है सोने चांदी हीरे पन्ने माणक मोती से कीमती हैजिसका कोई विकल्प नहीं है।
स्वर्गीय बसंती लाल जी बोहरा के सुपुत्र ज्ञानचंद बोहरा परिवार ने राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश की प्रेरणा से शांतिनाथ जैन पक्षी विहार बनाने का संकल्प लिया जय नारायण मालपानी कन्हैया लाल कुमावत विनोद जैन जनपद प्रतिनिधिप्रकाश राठी अरुण भट्ट पवन पटवा सुभाष जायसवाल राघवेंद्र जी पालीवाल यशवंत शर्मा दीपक कुमावत संतोष जी मुनि कमलेश का अभिनंदन किया गौमाता को गुल खिलाया गया। 8 नवंबर अतुल जैन स्थानक में प्रवचन के पश्चात पिपलोदा प्रस्थान करेंगे। गौतम मुनि भव्य मुनि ने मंगलाचरण किया।