आंतरिक चेतना का विराट स्वरूप सद्गुरू के माध्यम से ही प्रकट किया जा सकता-राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश

जोधपुर । गुरु शब्द में संपूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति छिपी हुई है जिस की शक्ति से विश्व के सभी महापुरुषों का निर्माण हुआ है ब्रह्मा विष्णु महेश से भी बढ़कर गुरु है उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने गुरु पूर्णिमा पर महावीर भवन नेहरू पार्क में मंगल आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि आंतरिक चेतना का विराट स्वरूप सद्गुरु के माध्यम से ही प्रकट किया जा सकता है धन वैभव सत्ता सरकार और विज्ञान के द्वारा नहीं । उन्होंने कहा कि मैंने तो भगवान को नहीं देखा लेकिन आज जो कुछ भी हूं बस सद्गुरु की कृपा का फल है भौतिकवाद की चकाचौंध 21वीं सदी में हम जैसे संतों का निर्माण होना किसी चमत्कार से कम नहीं है । राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि लाखों बार मानव जन्म ले ले सद्गुरु का संयोग नहीं मिले तो पशु तुल्य जीवन चला जाता है सद्गुरु के एक पल का सानिध्य जन्म जन्मांतर के अज्ञान को क्षय कर देता है । जैन संत ने कहा कि अपरिपक्व अधूरे गुरु व्यसना धीन अत्यंत खतरनाक है तन मन धन और आत्मा की अनमोल संपत्ति लूट लेते हैं उनसे सावधान देना जरूरी है मुनि कमलेश ने कहा कि जब मटकी लेने जाते हैं तो बजा कर लेते हैं तो गुरु का चयन भी बहुत सोच समझ कर करना चाहिए कौशल मुनि जी ने मंगलाचरण किया अक्षत मुनि जी ने गुरु भक्ति का गीत प्रस्तुत किया अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली शाखा जोधपुर महिला शाखा के अध्यक्ष शिखा जैन ने वात्सल्यपुरम बच्चों के साथ राष्ट्रीय संत के चरणो में गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया ।