रतलाम । मातृत्व का प्यार और शक्ति के अवतार के रूप में विख्यात हो गई दादी जानकी जी। शक्ति स्वरूपा के रूप में जानकी दादी जी ने पश्चिमी देशों की सेवा की जिम्मेवारी संभाली जबकि पश्चिमी देशों की भाषा का ज्ञान दादी जी को नहीं था। सादगी, सरलता ,स्नेह और सहनशीलता की प्रतिमूर्ति थी दादी जानकी जी उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि आत्मिक प्यार की भाषा में कोई भी भाषा विघ्न नहीं डाल सकती उद्गार राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मनोरमा दीदी ने गौरव पैलेस कॉलोनी, जावरा रोड, स्थित भाग्योदय भवन के सभागार में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासीका दादी जानकी जी के तृतीय पुण्य स्मृति दिवस पर व्यक्त किए।
भ्राता प्रभाकर राव जी (सहायक सांख्यिकी अधिकारी, जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय कलेक्टोरेट) ने कहा कि मन की स्थिरता और विश्व में शांति और प्यार की शक्ति का संचार जो दादी जी ने किया है वह सराहनीय है। संस्था के उज्जवल भविष्य की मैं कामना करता हूं एवं दादी जी को कोटि कोटि नमन करता हूं।
कार्यक्रम में शब्दों के साथ ही पुष्प अर्पित करते हुए सहा संचालिका पूजा बहन, आरती बहन एवं सर्वश्री भ्राता कमलेश श्रीवास्तव, महेंद्र चौरसिया, संजय पालीवाल, ललित केसवानी, राजेश मोडिया, राजेंद्र मरमट, रमेश जायसवाल, रामेश्वरजी, नवीन फतोड,नैतिक मोडिया, संजीव राव, कृष्ण कुमार चौहान, बहन पूनम लिंबोदिया, मानसी केसवानी, सरोज मोड़िया, सावित्री मरमट, रितिका केसवानी, रेखा फतोड़, आशा केशवानी आदि ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।