पूज्य समकितमुनिजी को समर्पित आदर की चादर एवं उप प्रवर्तक प्रमोदमुनिजी को ‘नासिक का राजा’ पदवी प्रदान
नासिक 30 अप्रेल (निलेश कांठेड़)। परमात्मा प्रभु भगवान महावीर का साधनामय जीवन हमारे लिए प्रेरणा का अनुपम स्रोत होने के साथ वह जीवन जीने की कला व मर्म भी सिखाता है। भगवान महावीर ने हमेशा प्राणी मात्र के कल्याण की प्रेरणा दी और जो भी प्राणी उनकी शरण में आया वह आत्मकल्याण के पथ पर आगे बढ़ गया। ये विचार श्रमणसंघीय सलाहकार सुमतिप्रकाशजी म.सा. के सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि, वाणी के जादूगर पूज्य समकितमुनिजी म.सा. ने रविवार को भगवान महावीर कैवल्य ज्ञान प्राप्ति दिवस पर नासिक के आरके श्रीसंघ के तत्वावधान में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। उन्होंने भगवान महावीर के साधनाकाल से जुड़े प्रसंग सुनाते हुए कहा कि भगवान ने अपने जीवन की दान की बड़ी महिमा बताई है लेकिन कोई भी दान तभी सार्थक होता है जब वह सुपात्र को दिया जाए। कुपात्र को दिए जाने वाला दान धर्म नहीं हो सकता। धर्मसभा में नासिक आरके श्रीसंघ की ओर से उप प्रवर्तक प्रमोदमुनिजी म.सा. को आदर की चादर समर्पित करने के साथ ‘नासिक का राजा’ पद से भी सम्मानित किया गया। पूज्य समकितमुनिजी म.सा. के द्वितीय वर्षीतप आराधना साआनंद सम्पन्न होने पर श्रीसंघ की ओर से उन्हें आदर की चादर समर्पित की गई। श्रीसंघ द्वारा प्रेरणाकुशल पूज्य भवान्तमुनिजी म.सा. एवं गायनकुशल पूज्य जयवंतमुनिजी म.सा. को भी आदर की चादर समर्पित कर उनके प्रति श्रद्धाभाव व्यक्त किया गया। धर्मसभा में पूज्य साध्वी उर्जाश्री का भी सानिध्य मिला।
वर्ष 2024 का चातुर्मास नासिक आरके संघ को प्रदान करने की विनती
धर्मसभा के दौरान नासिक आरके श्रीसंघ ने पूज्य समकितमुनिजी म.सा. से वर्ष 2024 का चातुर्मास श्रीसंघ को प्रदान करने की विनती की। श्रीसंघ के पदाधिकारियों ने पूज्य मुनिश्री के समक्ष हाथ जोड़ विनती करते हुए कहा कि वर्ष 2019 के बाद नासिकवासी पुनः चातुर्मास प्रदान करने की आतुरता से प्रतीक्षा का रहे है। समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि वर्ष 2024 के चातुर्मास के लिए विभिन्न स्थानों के संघों की विनतियां प्राप्त हो रही है। चातुर्मास कहां होगा ये भविष्य में पूज्य गुरूदेव सुमतिप्रकाशजी म.सा., उपाध्याय प्रवर विशालमुनिजी एवं उत्तर भारतीय प्रवर्तक आशीषमुनिजी तय करेंगे। समकितमुनिजी ने आगामी वर्षीतप करने वाले साधकों के लिए पारणे की व्यवस्था की प्रेरणा प्रदान की तो श्रीसंघ के महामंत्री जेसी भंडारी ने श्रीसंघ के तत्वावधान में सम्पूर्ण वर्ष के लिए पारणा करवाने की घोषणा की। इस कार्य में सांखला, सुराना, दुग्गड़, चौरड़िया परिवारों ने विशेष सहयोग दिया।
ठाणा का अभी नासिक क्षेत्र में विचरण चल रहा है। नासिक में 23 अप्रेल को अक्षय तृतीया वर्षीतप पारणा महोत्सव आयोजन सम्पन्न होने के बाद पूज्य मुनिश्री अब नासिक शहर के विभिन्न क्षेत्रांें में पहुंच धर्मलाभ प्रदान कर रहे है। वर्ष 2019 का सफल चातुर्मास पूर्ण करने के करीब साढ़े तीन वर्ष फिर नासिक पधारे डॉ. समकितमुनिजी म.सा. श्रावक-श्राविकाओं की भावपूर्ण विनती पर नासिक शहर के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंच जिनशासन की प्रभावना कर रहे है।
नासिक से पूना की दिशा में 6 मई को बढ़ेगी विहार यात्रा
वर्ष 2022 का भीलवाड़ा शांतिभवन का एतिहासिक चातुर्मास एवं उदयपुर हिरणमगरी सेक्टर 4 में सफल होली चातुर्मास के बाद पूना चातुर्मास के लिए विहार यात्रा पर निकले पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा का एक मई सोमवार का प्रवास नासिक के केवड़ीबन क्षेत्र में होगा। इस दौरान सुबह 8.30 बजे से प्रवचन के दौरान तीर्थस्थापना दिवस मनाते हुए भगवान महावीर एवं गौतम स्वामी की कथा से जुड़ी चर्चा होगी। पूज्य मुनिश्री का 2 मई का प्रवास नासिक के द्वारका क्षेत्र में होगा। इसके बाद 3 से 5 मई तक का प्रवास नासिक रोड में रहेगा एवं इस दौरान तीनों दिन नियमित प्रवचन होंगे। इसके बाद 6 मई को पूज्य समकितमुनिजी म.सा. आदि ठाणा की विहार यात्रा नासिक से विदा होकर महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए पूना की दिशा में आगे बढ़ेगी। उनके मई माह के अंतिम सप्ताह तक पूना पहुंचने की संभावना है। पूज्य समकितमुनिजी का वर्ष 2023 का चातुर्मास पूना के आदिनाथ जैन स्थानक भवन के लिए घोषित है जहां चातुर्मासिक मंगल प्रवेश 25 जून को होगा। श्री आदिनाथ स्थानकवासी जैन भवन ट्रस्ट चातुर्मास की तैयारियों में जुटा हुआ है।