जावरा(अभय सुराणा) । अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा गीत ,संगीत और कविताओं की सु मधुर संगोष्ठी का आयोजन संस्था अध्यक्ष के निवास पर आयोजित किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर श्री एवम श्रीमती सुरेश मेहता रहे जिन्होंने वर्तमान समय एवम संदर्भ में इस तरह के आयोजनों की भूरी भूरी प्रशंसा की एवम अपने अमेरिका प्रवास के कुछ सुंदर प्रसंग भी साझा किये। उन्होंने यह बात भी बड़े गर्व से कही कि अमेरिका और विदेशों में भी अपनी मातृ भाषा हिंदी का प्रचार प्रसार बड़े जोर शोर से हो रहा है और अपने हिंदू रीति रिवाजों त्योहारों और सांस्कृतिक मूल्यों को अक्षुण्य रखने के प्रयास भी सराहनीय है ।
कार्यक्रम दीप प्रज्वलन पश्चात मां शारदे की सुमधुर वंदना से प्रारंभ हुवा जिसका निर्वाह संस्था के लोकप्रिय गायक कवि मधुकर ने किया । हिंदी को समर्पित कवियित्री शिक्षिका लक्ष्मी जोशी ने गणेश वंदना के साथ वर्तमान स्तिथियों पर कटाक्ष करते अपनी रचनाओं का पाठ किया ।
शायर फजल हयात ,कवि पोरवाल जी, दिलीप सेठिया ने बारी बारी से अपनी रचनाओं का सरस पाठ किया । संस्था अध्यक्ष डॉ प्रकाश उपाध्याय ने अपने सुमधुर मुक्तकों एवम गीतों से श्रोताओं का मन मोह लिया जिसमे शिप्रा किनारे वाला गीत विशेष रहा। वरिष्ठ कवि मनोहरा जी ने अपनी चिर परिचित शैली में अपने व्यंग्य बाणों से व्यवस्था पर कटाक्ष किया ।
आयोजन को अपने सुमधुर भजन एवम गीतों से जय राका ,एडवोकेट त्रिवेदी , डॉ वरुण ,समाज सेवी राम चचलानी ,छोटे खां ने रोचक और सरस बनाया ।
अंत में आभार डॉ ज्योति उपाध्याय ने अपने अनूठे अंदाज में आयोजनों की बायोलॉजिकल ,वैज्ञानिक तर्कों द्वारा सामाजिक समरसता के लिए अति अवश्य बताते हुवे निरूपित किया ।
साहित्य परिषद के कार्यक्रम को शहर के सुधि श्रोताओं ने सराहा और संस्था से जुड़ने में भी अपनी रुचि दिखाई । अपनी चारधाम यात्रा सकुशल पूर्ण करने पर संस्था ने अपने सक्रिय सदस्य श्री एवम श्रीमती दिलीप पोरवाल का पुष्प मालाओं से स्वागत किया । आयोजन में श्री बाबूलाल नाहर, श्री एवम श्रीमती संजय कनोजिया ,पोरवाल साहेब अंचल भट्ट ,अभय श्रीवास्तव योगेश सोलंकी उपस्थित रहे।