श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ नीमचौक रतलाम का प्रतिनिधिमंडल हुआ शामिल
रतलाम। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ नीमचौक रतलाम का एक प्रतिनिधिमंडल उदयपुर शहर सेक्टर 4 हिरण मगरी में चातुर्मास हेतु पधारे दक्षिण चंद्रिका श्री संयमलताजी म.सा. आदि ठाना 04 के प्रवेश में शामिल हुआ।
भव्य प्रवेश चल समारोह धर्मसभा के रूप में परिवर्तित हुआ। धर्मसभा में देश के विभिन्न शहरों पूना, मुंबई, बैंगलौर, चित्तोड़, डूंगला, से सैकड़ो भक्तगण पधारे थे। सभा में असम के महामहिम राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, मेवाड़ उदयपुर राजवंशी के कुँवर लक्ष्यसिंह जी भी उपस्थित थे।
बाहर से पधारे समस्त अतिथियों में से केवल महामहिम राज्यपाल महोदय, उदयपुर के कुँवर साहब और रतलाम श्रीसंघ से महेंद्र बोथरा को उद्बोधन का अवसर प्राप्त हुआ, जिसमें आपने उदयपुर श्रीसंघ की मेजबानी हेतु धन्यवाद देते हुए महासतीजी के सम्मुख वर्ष 2025 के चातुर्मास की पुरजोर विनती रखी।
रतलाम श्रीसंघ से अध्यक्ष ललित पटवा, संघरत्न इन्दरमल जैन, महेंद्र-ललिता बोथरा, कोषाध्यक्ष अमृत कटारिया, पूर्व अध्यक्ष सुरेश कटारिया एवं प्रेमकुमार जैन मोगरा, प्रदीप पोखरना, विनोद गादिया, विजय कटारिया, विजय पटवा, अशोक गाँधी, सुजानमल खमेसरा एवं वर्ष 2025-26 के आगामी अध्यक्ष अजय खमेसरा, महामन्त्री विनोद कटारिया आदि सदस्यों ने महासतीजी के सम्मुख विनतीपत्र प्रस्तुत किया।
इसकी पूर्व संध्या पर प्रतिनिधिमंडल महासतीजी से व्यक्तिगत चर्चा करके भी रतलाम चातुर्मास हेतु विनती एवं चर्चा की। महासती जी ने फरमाया की रतलाम मेरा घर है, आपकी भावना भी बहुत उच्च है, रतलाम नगरी धर्म नगरी है एवं महापुरुषों की कर्मस्थली है, आपकी विनती मेरी झोली मैं है समय आने पर अवश्य इस पर विचार करेंगे।
इसके पश्चात श्रीसंघ प्रतिनिधी मंडल डूंगला स्थित महासतीजी प्रेक्षाजी म.सा. आदि ठाना 04 एवं बड़ी सादड़ी में विराजित परम पूज्य श्री धरममुनि मसा की आज्ञानुवर्तिनी महासतीजी पूज्याश्री धैर्यप्रभाजी आदि ठाना 04 के दर्शन करने पँहुचा, और दोनों महासतीयों जी से आगामी वर्षों में रतलाम चातुर्मास हेतु विनती प्रस्तुत की।