जावरा (अभय सुराणा) । मनमोहन पार्श्वनाथ मंदिर पर विराजित ध्यान योगी आगम ज्ञाता श्री विकसित मुनि जी म.सा.नवकार आराधक श्री वीतरागमुनि जी म.सा. धर्मसभा को संबोधित करते हुए फ़रमाया की भगवान का नाम लेना याद करना पुण्य का बंद करता है पुण्य नो प्रकार के होते हैं पहले अन्न पुण्य भूखे व्यक्ति को भोजन कराना भी एक प्रकार का पुण्य है लेकिन वास्तव में उसे इसकी आवश्यकता हो सुपात्र तक यदि पहुंचाया जाए तो ही वह पुण्य कहलाता है किसी भरे हुए पेट वाले को यदि आप अन्न प्रदान करते हैं तो वह दान दान नहीं कहलाता है जिस प्रकार समुद्र में यदि बारिश हो तो क्या फायदा जबकि धरती प्यासी हो। सेवा दया का भाव मनुष्य में होना चाहिए हमेशा अपनों से आगे वालों की सेवा करना चाहिए एवं पीछे वालों पर दया करुणा के भाव रखना चाहिए जैसा भाव होगा उसका वैसा ही फल मिलेगा यदि भावना शुद्ध होगी तो फल की प्राप्ति भी निश्चित होगी। यदि हम किसी प्यासे को पानी पिलाना, वस्त्र का दान, विद्या उपयोगी सामग्री देने से भी भी पुण्य का बंद होता है। पुण्य करने में व्यक्ति को विवेक का पूरा ध्यान रखना चाहिए और अविवेक से किया गया पुण्य भी पाप में बदल सकता है।उपरोक्त जानकारी चार्तुमास समिति अध्यक्ष कोचट्टा महामंत्री महावीर छाजेड़ ने बताया की दिनांक 17 जुलाई को मुनी मंडल का भव्य मंगल प्रवेश खाचरोद नाका स्थित शुभ लाभ कॉलोनी से प्रारंभ होगा।चल समारोह के रूप में नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए गुरुदेव का मंगल प्रवेश दिवाकर भवन जावरा पर होगा चल समारोह में अधिक से अधिक संख्या में पधारने की विनती श्री संघ अध्यक्ष इंदरमल टुकड़िया पवन संघवी वीरेंद्र कोचट्टा वर्धमान मांडोत शांतिलाल डांगी पारसमल बरडिया बसंतीलाल चपलोद वर्धमान टुकड़िया वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओमप्रकाश श्रीमाल उपाध्यक्ष कनकमल चौरडिया विनोद ओस्तवाल यश छाजेड़ राकेश जैन उजाला शीतल तातेड़ प्रकाश श्रीश्रीमाल आकाश जैन एवं श्री जैन दिवाकर नवयुवक मंडल अध्यक्ष मनोज दांगी सौरभ दुग्गड ऋषभ छाजेड़ श्री जैन दिवाकर महिला मंडल बहु मंडल बालिका मंडल के सभी सदस्यों ने की है।धर्मसभा का संचालन श्रीसंघ महामंत्री महावीर छाजेड़ ने किया आभार वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओमजी श्रीमाल ने माना।