महापुरुषों के दर्शन मात्र से आत्मा निर्मल बनती है – राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश

मुंबई भयंदर ओसवाल बगीची समता भवन। दर्शन में जब प्रदर्शन स्पर्धा के दिखावे का समावेश हो जाता है वह पतन का कारण बनता है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने संबोधित करते कहा कि महापुरुषों के दर्शन मात्र से आत्मा निर्मल बनती है शरीर निरोग होता है और कर्मों की निर्जरा होती। मुनि कमलेश ने बताया कि विश्व के सभी धर्म में पवित्र निस्वार्थ भाव से दर्शन करने पर दुर्गति का नाश होता है सद्गति प्रदान होती है ऐसा उल्लेख है।
राष्ट्र संत ने कहा कि दर्शन करने पर भी राग और भेदभाव के भाव पैदा होते हैं तो आत्मा के लिए और इससे बड़ा कोई शत्रु नहीं हो सकता। जैन संत ने बताया कि उत्कृष्ट भावना का संचार हो तो आत्मा परमात्मा के रूप में परिवर्तित हो जाती है।
अखिल भारतीय ज्ञान दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली महाराष्ट्र युवा शाखा के अध्यक्ष योग गुरु ने महाराष्ट्र में गोचर भूमि मुक्त कराकर गौशाला निर्माण का संकल्प लिया। गुरु भक्त बिल्डर ने कल्याण में पक्षी विहार बनाने का संकल्प लिया। पंजाब जैन सभा खार मुंबई के पूर्व अध्यक्ष अशोक जैन वर्तमान अध्यक्ष ने विचार व्यक्त किया। सरिता जैन एवं दिवाकर मंच गुजरात महिला शाखा की प्रमुख लक्ष्मी संचेती ने गुरुदेव के चमत्कारों की चर्चा की तथा उपाध्यक्ष मंत्री महिला मंडल सभी ने मिलकर सेवाभक्ति का लाभ लिया। सामूहिक दया का आयोजन हुआ। करीब 400 गुरु भक्तों ने की राजस्थान जैन अध्यक्ष गुरु भक्त उमराव सिंह जी ओस्तवाल ने सभी का स्वागत किया।