अन्याय और अनीति का प्रतिकार करना सच्ची अहिंसा है – राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश

मुंबई/भायंदर (ओस्तवाल बगीची समता भवन) 11 अगस्त। डरपोक, बुझदिल, कायर व्यक्ति अहिंसा का पालन नहीं कर सकते हैं। उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने संबोधित करते कहा कि ऐसे लोगों ने अहिंसा की दुहाई देखकर हाथ पर हाथ देकर बैठ अहिंसा को कलंकित और बदनाम किया है।
उन्होंने कहा कि हिंसा नहीं करना अधूरी अहिंसा का पालन है। हिंसा को रोकने के लिए कफन का टुकड़ा सर पर बांधने वाला और जीने और मरने की परवाह नहीं ही करता है वही सच्चा अहिंसा वादी है। राष्ट्र संत ने कहा कि जुल्म करना हिंसा है तो जुल्म सहना भी हिंसा है। अन्याय और अनीति का प्रतिकार करना ही सच्ची अहिंसा है। आज तपस्वी बहन के मास खमन अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सुश्रावक – सुश्राविकाए उपस्थित थे।