स्वतंत्रता दिवस पर एक कदम शतावधान की ओर विषय पर होगा विशेष आयोजन
रतलाम, 14 अगस्त। हम दिन प्रतिदिन मोक्ष की और जा रहे है या उससे दूर, हमें जिस जगह पर जाना है, उसी दिशा में आगे बढ़ना होगा। जब संसार से मोह भंग होगा तब सम्यक की प्राप्ति होगी। यह बात सैलाना वालों की हवेली मोहन टॉकीज में चल रहे चातुर्मासिक प्रवचन में वर्धमान तपोनिधि पूज्य आचार्य देव श्री नयचंद्रसागर सुरीश्वर जी म.सा. ने कही।
आचार्य श्री ने कहा कि यदि हम परमात्मा की आज्ञा को नहीं जानेंगे तो कुछ नहीं होगा। प्रभु ने जो कहा है, उनकी वाणी को प्रणाम करते हुए उनके शब्दों का पालन करना चाहिए। हमें नमस्कार की आराधना करना चाहिए। आधयात्म में पाप का अर्थ ही मोह होता है। दुनिया में ऐसा कोई धर्म नहीं है, जिसमें मोह को पाप न बताया गया हो। हमें स्वयं से पूछना चाहिए कि हमें क्या पसंद है। आचार्य श्री ने नवकार मंत्र की महिमा बताई और सभी से इस मंत्र का जाप करने का आव्हान किया। इसका निरंतर जाप करने से नरक के दरवाजे बंद हो जाते है। प्रवचन में गणिवर्य डॉ. अजीतचंद्र सागर जी म.सा. ने भी अच्छे विचार एवं भाव रखने पर जोर दिया।
एक कदम शतावधान की ओर
स्वतंत्रता दिवस पर सैलाना वालों की हवेली मोहन टॉकीज में एक कदम शतावधान की ओर का विशेष आयोजन किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से रतलाम नगर के बच्चों द्वारा बीते 20 दिनों में दिमाग से जुड़ा क्या चमत्कार हुआ है, वह देखने को मिलेगा। श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्री संघ गुजराती उपाश्रय रतलाम एवं श्री ऋषभदेव जी केसरीमल जी जैन श्वेतांबर पेढ़ी रतलाम द्वारा सभी से समय पर उपस्थित रहने का आव्हान किया है।