नवकार महामंत्र आराधना का समापन …

जावरा (अभय सुराणा)। नवकार महामंत्र की महिमा का वर्णन करते हुए मुनिराज परम पूज्य श्री चन्द्रयश विजय जी म.सा. ने अपने उद्गार में कहा की आपका सरदर्द ,पेटदर्द या कोई भी दर्द शरीर में होता हो तो आप दवाई खाते है फिर भी वह दर्द कुछ समय के लिए ही रुकता है और दवाई का असर ख़त्म होते ही फिर से पुन: होने लगता है लेकिन नवकार मंत्र की महिमा अपरम्पार है । उसके स्मरण मात्र से ही शरीर के सारे रोग हमेशा हमेशा के लिए ख़त्म हो जाते है । अत: अपने जीवन में देनिक नवकार का जाप करते रहे व सुख शांति का जीवन व्यतीत करते रहे । नौ दिवसीय नवकार महामंत्र के एकासने का आज समापन पारना महोत्सव के रूप में किया गया । 120 से अधिक आराधको ने इस तपस्या में तप किया था । 10 दिवसीय इस आयोजन में श्री संघ के 45 लाभार्थी परिवारों नव लाभ लिया । लाभार्थी परिवारों का बहुमान श्री संघ की आज्ञा से लाभ लेने वाले धरमचंद अनिलकुमार पियूष,राहुल चपडोद परिवार ने किया ।
इस अवसर पर श्री संघ अध्यक्ष अशोक लुक्कड़, सहमंत्री राजेश वरमेचा, कोषाध्यक्ष विनोद वरमेचा, चातुर्मास समिति अध्यक्ष धरमचंद चपडोद, मंत्री पारस ओसतवाल, कोषाध्यक्ष अभय चोपडा, कमल नाहटा, मुकेश मेहता, अनिल चोपड़ा, समरथमल लोढा, अजय सकलेचा, विजय नाहर, शैतानमल दुग्गड़, चांदमल ओरा, नेमीचंद लोढ़ा, कन्हैयालाल हरण, संदीप श्रीमाल, राजेंद्र राठोड, अंकित लुक्कड़, देवेन्द्र मूणत, ललित पोखरना, शांतिलाल ओस्तवाल, मनीष वरमेचा, अनिल चत्तर, पन्ना लुक्कड़, सुनील संघवी, सुरेन्द्र सुराना, सुनील नाहटा, राहुल मेहता, रमणीक कांति काकरिया, संजय सोलंकी, संतोष छाजेड, सुशिल हरण, भवरंंलाल आचलिया, श्रीपाल ललवानि, विरेंद्र संचेती, जीतेन्द्र गोखरू, अनिल चोरडिया, राजेश ओरा, सुभाष डूंगरवाल, विकास मेहता, लोकेन्द्र मेहता, आदित्य कर्नावट, अजय तातेड, अशोक धोका, कांतिलाल ओरा, भूपेंद्र काठेड, मनीष चपडोद, राजेश संघवी, अभय काठेड, मनीष धारीवाल, भावेश नवलक्खा ,राहुल भंडारी, ऋषभ पटवा आदि श्रावक श्राविका उपस्थित थे ।
जावरा के इतिहास में पहली बार 240 आराधको के सिद्धितप जेसी महान तपस्या निरंतर गतिमान है । कार्यक्रम का संचालन प्रवीण जैन नवकार ने किया । उक्त जानकारी प्रचार संयोजक शिखर चन्द्र धारीवाल,विरेंद्र सेठिया ने दी ।