पौधों की सेवा अपने माता-पिता की तरह करें

रतलाम। पौधों को रोपित करने के बाद उनकी देखभाल ठीक वैसे ही होना चाहिए जैसे किसी नवजात शिशु को हम पाल- पोस कर बड़ा करते हैं और बड़ा होने के बाद जब तक वह अस्तित्व में है। उसका संरक्षण और देखरेख ठीक अपने माता-पिता के समान होनी चाहिए। अगर पौधों का संरक्षण हम परिवार के सदस्य की तरह करेंगे तभी हमें आने वाले कई वर्षों तक उत्कृष्ट पर्यावरण का लाभ मिल सकेगा और आने वाली पीढिय़ां को स्वच्छ पर्यावरण मिल सकेगा ।
उपरोक्त विचार शिक्षक सांस्कृतिक संगठन द्वारा कर्मचारी कॉलोनी 80 फीट रोड स्थित महाराणा प्रताप उद्यान में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मुरलीधर चांदनी वाला ने व्यक्त किये। आपने कहा कि पौधों की सुरक्षा हमारे वर्तमान और भविष्य के जीवन की सुरक्षा गारंटी है। वही इनका महत्व हमारे अतीत और पितरों से भी जुड़ा हुआ है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षाविद डॉ. गीता दुबे ने कहा कि एक पौधा मां के नाम अभियान से हम सबको पौधारोपण के प्रति आत्मीय भाव से जोड़ दिया गया है। हमारी संस्कृति तो यह संदेश देती ही है कि हम पर्यावरण के प्रति सजग रहे, लेकिन वर्तमान समय में हमें पौधों की प्रति हमारे नैतिक और पारिवारिक कर्तव्य की भांति इनका ख्याल रखना होगा तभी हम पर्यावरण को सुरक्षित रख पाएंगे। इस अवसर पर आपने उद्यान को तीन लंबी कुर्सियां अपने माता-पिता की स्मृति में प्रदान की।
संस्था अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि हमारी सामाजिक एवं प्रकृति सेवा के अंतर्गत आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में लगभग 50 पौधे विभिन्न प्रजातियों के इस अविकसित उद्यान में रोपे गए। कार्यक्रम को लायंस क्लब की झोन चेयरपर्सन कल्पना राजपुरोहित, कर्मचारी नेता तेजपाल सिंह राणावत, गोपाल जोशी, ललित मोयल, लोकपाल सिंह सिसोदिया ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर वीणा छाजेड़, भारती उपाध्याय, आरती त्रिवेदी, प्रतिभा चांदनी वाला, विनीता पटेल, राधेश्याम तोगड़े, कार्यक्रम संयोजक नरेंद्र सिंह राठौड़, श्याम सुंदर भाटी, रमेश उपाध्याय, अनिल जोशी, महावीर सिंह पुरावत, मदनलाल मेहरा, अर्पित मेहरा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन दिलीप वर्मा तथा आभार श्याम सुंदर भाटी ने व्यक्त किया।