एकांतवाद पर चलने वाला अपनी बुराइयों को भी नहीं त्याग सकता है – राष्ट्रसंत

जोधपुर । समाचार पत्र किसी जाति और धर्म के बिना किसी भेदभाव के पढ़ सकते हैं तो फिर गीता और कुरान सहित सभी धर्म ग्रंथ पढऩे में क्या आपत्ति है। उक्त विचार राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने गुरु नानक देव जयंती पर महावीर भवन निमाज की हवेली में संबोधित करते कहा कि सभी महापुरुषों ने अच्छाई कहीं भी हो ग्रहण करने का संदेश दिया है उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव ने सभी धर्मों की अच्छाइयों को मिलाकर ग्रंथ साहब एक गुलदस्तां तैयार किया है मानवता के अनमोल ग्रंथ है । मुनि कमलेश ने कहा कि एकांत वाद पर चलने वाला अच्छाइयों से वंचित रह जाता है और अपनी बुराइयों को भी नहीं त्याग सकता है वह अज्ञानी से भी खतरनाक है।
राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि सभी धर्मों ने सत्य का मार्ग बताया है उपासना पद्धति अलग अलग हो सकती है सभी के सत्यांश को भी स्वीकार करने वाला परम ज्ञानी है । जैन संत ने कहा कि आध्यात्मिक ग्रंथ हमारी अनमोल धरोहर है जिसके माध्यम से अनंत काल तक मानव ज्ञान के प्रकाश से आलोकित होता रहेगा कौशल मुनि घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए अक्षत मुनि ने मंगलाचरण किया ।