विश्व रेबीज दिवस पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया

कुत्ते के काटने पर रेबीज से बचाव के लिए अपना वैक्सीनेशन अनिवार्य रूप से कराएं – सीएमएचओ डॉक्टर आनंद चंदेलकर

रतलाम । राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व रेबीज दिवस 28 सितंबर 2024 की थीम ’’ब्रेकिंग रेबीज बाउंड्रीज“ निर्धारित की गई है। इस संबंध में जिला प्रशिक्षण केंद्र विरियाखेड़ी पर सी एच ओ एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ जितेंद्र जायसवाल ने बताया कि रेबीज एक जानलेवा बीमारी है किंतु समय पर टीकाकरण के माध्यम से इस बीमारी से होने वाली मृत्यु को रोका जा सकता है। कुत्ते, बिल्ली, सियार, भेड़िया और नेवला भारत में इस बीमारी के फैलाव के मुख्य जानवर हैं। भारत में 99 प्रतिशत लोगों को रेबीज की बीमारी कुत्ते के काटने से होती है। रेबीज के शुरुआती लक्षण सर दर्द, फ्लू, थकावट, जिस जगह कुत्ते ने काटा है उस जगह पर झनझनाहट होना प्रमुख है। रेबीज के विशिष्ट लक्षण मतिभ्रम, बहुत अधिक लार टपकना, हाइड्रोफोबिया अर्थात पानी से डर लगना, बहुत अधिक आक्रामक व्यवहार होना मुख्य है। इस बीमारी से बचाव के लिए कुत्ते के पास जाने से बचे। इंतजार करें कि कुत्ता आपके पास आए और सूंघे। जब कोई कुत्ता आपके पास आए तो भागे नहीं, बल्कि खड़े रहे। यदि कुत्ता आप पर हमला करें तो अपने सर और गर्दन को हाथों से बचाए, और एक ही स्थान पर गोल घूम कर खुद को बचाएं। कुत्ते के काटने पर तत्काल अस्पताल जाएं और वैक्सीनेशन कराएं।
कुत्ते पर चिल्लाए नहीं और ना ही उसे मारे पीटे। कुत्ते को वाहनों का तेज दौड़ना पसंद नहीं आता यदि वाहन के पीछे कुत्ता लगे तो अपने वाहन की रफ्तार धीमी कर दें। कुत्ते को तंग ना करें, कुत्ते को देखकर भागना नहीं चाहिए। कुत्ते को सोते समय, खाते समय, अपने पिल्लों को खिलाते समय, अपने पिल्लों को दूध पिलाते समय , गुर्राते समय , गुस्से के समय बिल्कुल परेशान ना करें ।
रेबीज से बचाव के लिए उन जानवरों से दूर रहना चाहिए जिसे रेबीज होने की आशंका हो, यदि कुत्ता अचानक काट ले तो ऐसी स्थिति में घाव को तुरंत पानी के नीचे कम से कम 15 मिनट साबुन से धोए। पानी से अच्छी तरह धोने और सूखने के बाद पॉविडोन आयोडीन या एंटीसेप्टिक लगाए। डॉक्टर से मिले और तत्काल इम्यूनोग्लोबिन एंटी रेबीज शॉट का इंजेक्शन लगवाए। जहां तक संभव हो घाव पर टांके ना लगवाएं और एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाए। घाव पर मिर्च, मिट्टी, तेल, हल्दी पाउडर, चुना, नमक, पौधों का रस, जलने वाले पदार्थ बिल्कुल ना लगाए। अपने पालतू जानवरों का टीकाकरण आवश्यक रूप से कराएं। उन्मुखीकरण कार्यक्रम में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को वैक्सीनेशन के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उन्मुखीकरण के दौरान सीबीएमओ डॉक्टर संध्या बेलसरे, डीपीएम डॉ अजहर अली, बी ई ई श्रीमती इशरत जहां , डब्लू एच ओ के जिला समन्वयक श्री अभिषेक चौरसिया, मीडिया अधिकारी श्री आशीष चौरसिया, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन अधिकारी श्री आशीष कुमावत, बीपीएम श्री राजेश राव, श्री लोकेश वैष्णव एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, सुपरवाइजर तथा एएनएम आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *