1 अक्टूबर राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस
रक्तदाता प्रेरक गोविंद काकानी ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में बढ़ती हुई थैलेसीमिया, सिकल सेल जैसी घातक बीमारियां, गर्भावस्था एवं दुर्घटनाओं आदि के समय जान बचाने के लिए पीड़ित मरीज को तत्काल रक्त की आवश्यकता पड़ती है ऐसे समय रक्त कोषों में उस ग्रुप का रक्त होना और समय पर अस्पताल मैं पीड़ित व्यक्ति तक जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए स्वैच्छिक रक्तदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है| अनेक बार भय, अज्ञानता के कारण परिवार जन स्वयं का रक्त न देकर पेशेवर रक्तदाताओं से बदले में रक्त लेने एवं दिलवाले की कोशिश करते हैं । वह रक्त बेच कर बुरी आदतों नशा आदि पर खर्च करते जो की अनेक घातक बीमारियों को जन्म देती है । ऐसा रक्त बीमार व्यक्ति को लगने पर उसे भी इन बीमारियों की चपेट में ले लेती है । इस समस्या के निदान के लिए नौजवानों को साल में कम से कम एक बार स्वैच्छिक रक्तदान जरुर करना चाहिए जो थैलेसीमिया, सिकल सेल जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त बच्चों के साथ, समाज के लिए, देश के लिए अत्यंत आवश्यक है ।
स्वैच्छिक रक्तदान अत्यंत आवश्यक हो गया
चिकित्सा के क्षेत्र में भारतवर्ष तेजी से बहुत आगे बढ़ रहा है। जटिल से जटिल ऑपरेशन भी अब देश में ही अनेक शहरों के साथ अपने शहर रतलाम में भी किए जा रहे हैं । जिसमें रक्त की बहुत आवश्यकता लगती और यह कमी बढ़ती जा रही है । इसे दूर करने के लिए अधिक से अधिक स्वैच्छिक रक्तदान समाज स्तर पर रक्तदान शिविर लगाने ,संस्था के माध्यम से, स्कूल, कॉलेज, उद्योग, बैंक, निजी व सरकारी संस्थान, धार्मिक संस्थाएं रक्तदान शिविर लगाकर नए-नए रक्तदाताओं को तैयार कर सकती है| नए रक्तदाताओं को बनने से नेगेटिव रक्त की समस्या दूर हो जाती है।
तत्काल आवश्यकता पर रक्तदान करके देखो अच्छा लगता है
समाजसेवी गोविंद काकानी ने रक्तदान के फायदे बताते हुए कहा कि जिस प्रकार शरीर के लिए ताजी हवा, ताजा भोजन शरीर के लिए अच्छा होता है ठीक उसी प्रकार नया रक्त भी शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है| वर्तमान में डेंगू बीमारी से पीड़ित मरीजों को तत्काल प्लेटलेट की आवश्यकता होती है| जिसे बनाने में लगभग चार घंटे लगते हैं| अतः प्रतिदिन सुबह सभी ब्लड बैंक इसे बनाकर रख रही है । आप भी सुबह-सुबह ब्लड बैंक पहुंचकर इस पुनीत कार्य में अपना सहयोग कर सकते हैं । मुझे 102 बार रक्तदान करने का अवसर जिन भी बीमार मरीजों ने दिया मैं उनका हृदय से आभारी हूं क्योंकि उन्ही के कारण मेरे शरीर में नया रक्त बनता गया और शरीर को स्वस्थ रखते हुए अत्यधिक ऊर्जा प्रदान करता गया| स्वैच्छिक रक्तदान को गति प्रदान करने के लिए जागृति संबोधन कार्यशालाएं, प्रचार सामग्रियां आदि संस्थाओं के माध्यम से आम जनता तक दी जाना चाहिए । जिससे लोगों के मन का डर, भ्रांति और प्रश्नों का समाधान किया जा सकता है । स्वैच्छिक रक्तदान को प्रोत्साहन देने के लिए रक्तदान के पश्चात रक्तदाता को प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाता है ।
रक्तदान के लिए क्या करें
देश हमें देता है सब कुछ हम भी तो कुछ देना सीखें । 18 वर्ष से 65 वर्ष के बीच के स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन 45 किलो से ज्यादा हो किसी भी लाइसेंस ब्लड बैंक में रक्तदान कर निरोगी एवं स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण करने में अपना योगदान देवें ।
गोविंद काकानी, जिला रोगी कल्याण समिति सदस्य ,पूर्व ब्लड बैंक प्रभारी मानव सेवा समिति, रतलाम