मुनि श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. का 40 वां जन्मोत्सव जीवदया दिवस के रूप में मनाया गया

कार्तिक पूर्णिमा पर सिद्धाचल की भाववंदना के साथ मुनि व साध्वीवृंद ने किया स्थान परिवर्तन

राजगढ़ (धार) म.प्र. 30 नवम्बर 2020 । श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के तत्वाधान में व दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा में एवं उनके शिष्यरत्न
परम पूज्य ओजस्वीवक्ता मौनसाधक मुनिराज श्री रजतचन्द्र विजयजी महाराज साहेब का 40वाँ जन्मोत्सव विविध आयोजनों के साथ धूमधाम से मनाया गया । सर्वप्रथम तीर्थ के मुख्य द्वार से जीवदया यात्रा निकालकर गौशाला में गायों को गुड़ लापसी, फल, हरी सब्जीयां व घास आदि का आहार दिया गया । गौशाला में लाभार्थी परिवार के संयम ओसवाल तलेगांव एवं उनकी टीम ने तथा मुनि श्री के सांसारिक पिताजी महेंद्र कुमारजी भंडारी एवं तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ ने अन्य गुरुभक्त परिवार के साथ गौमाता का पूजन किया । उसके बाद पधारे हुए सैकड़ों गुरुभक्तों ने अपने हाथों से लाई हुई खाद्य सामग्री गाय आदि पशु पक्षियों को अर्पण की। मुनिराज श्री पीयूषचंद्र विजयजी महाराज साहब ने उद्बोधन एवं मांगलिक प्रदान की। यहां पर प्रभावना का लाभ राजेश कुमार महेंद्र कुमारजी भंडारी राजगढ ने लिया।
तीर्थ परिसर के यतींद्रसुरी चौक में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा की पावन निश्रा में सिद्धाचल पट के समक्ष सिद्धाचल भावयात्रा के साथ गिरिराज की अद्भूत वंदनावली की । द्राविड़ वारिखिल्ल के साथ 10 करोड़ मुनि कार्तिक पूनम के दिन सिद्धाचल महातीर्थ में मोक्ष पधारे , इनकी अद्भुत महिमा सुनकर लोग लाभान्वित हुए। सुंदर भक्ति गीतों के साथ चैत्यवंदन एवं भावयात्रा का आयोजन किया गया। उसके बाद मुनिश्री के 40वें जन्मदिन के अवसर पर मुनिराज श्री पीयूषचंद्र विजयजी महाराज साहब ने कहा मेरे लघु भ्राता रजतचंद्र विजयजी युवाओं में क्रांति लाते हैं। शासन के कार्यों की बागडोर संभालने में निपुण है और बहुत ही तेजस्वी है। ऐसे संत देश की धरोहर है। तीर्थ के मैनेजिंग ट्रस्टी सुजानमलजी सेठ ने कहा मुनि श्री का व्यक्तित्व अद्भुत है वे सभी साधु साध्वी को साथ लेकर चलने की क्षमता रखते हैं। जितचंद्रजी ने भी मुनिश्री की अनुमोदना और गुनावली की। जन्मोत्सव नायक मुनिश्री ने कहा आज मैं जो कुछ भी हूं देव गुरु की कृपा से हूं । जीवन की तमाम उपलब्धि इनके आशीर्वाद से ही प्राप्त होती है । आप लोग जीवदया के कार्य करके जीवन सार्थक करें। मुनिश्री ने कहा आज का महान दिन सिद्धा सिद्धिं मम दिसंतु का है।
इसके पूर्व सिद्धाचल तीर्थ पट्ट एवं आदिनाथ दादा के समक्ष गहूंली करने का सौभाग्य श्रीमती पारसमणि देवी भंडारी , किरण बेन नलवाया उज्जैन , ममता प्रेमजी ङोसी, सविता जैन इंदौर, कविता राजेश भंडारी, मोहनखेड़ा के पदमा पूर्णिमा व सरला बेन को प्राप्त हुआ। 40 वें जन्मोत्सव प्रसंगे प्रभुजी की प्रतिमा समक्ष 40 दीप प्रज्वलन लाभार्थी एवं श्रीसंघ व अतिथियों द्वारा किया गया।
संयम रविंद्र कुमारजी ओसवाल सोलंकी तलेगांव की ओर से 40 वें जन्मोत्सव पर ₹40000 की राशी जीवदया में अर्पण किए गई। और भी कई भाग्यशालीयो ने अपनी राशि जीवदया में अर्पण की।इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविका उपस्थित थे । कार्यदक्ष पू. मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनि रुपेन्द्र विजयजी, मुनि जीतचन्द्र विजयजी एवं वरिष्ठ तपस्वी साध्वी श्री किरणप्रभाश्री जी म.सा. साध्वी श्री सद्गुणाश्री जी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में युवाप्रेरक मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. का 40 वां जन्मदिवस जीवदया दिवस के रुप में उल्लास पूर्वक मनाया गया ।
। दोपहर में मुनिश्री के जन्मदिवस के अवसर पर श्रीमती रानी प्रफुल्लजी जैन थांदला वालों की और से संगीतमय गुरुपद महापूजन रखा गया । पूजन विधि हरीश जैन ने एवं संगीत नागदा जंक्शन की आर्केस्ट्रा पार्टी ने दीया। चातुर्मास समापन होने से शाम को मुनि भगवन्तों एवं साध्वीवृंद ने अपने चातुर्मास स्थल से विहार कर स्थान परिवर्तन किया । मुनि श्री के जीवन की झलक से जुड़ा हुआ एक सुंदर वीडियो दिव्यांशी डोसी और सुजल पोरवाल ने बनाया। मुनिश्री को सोशल मीडिया के माध्यम से हजारों श्री संघों ने एवं गुरुभक्तों ने वंदना एवं बधाई प्रेषित की।