देवास | कलेक्टर श्री चंद्रमौली शुक्ला की अध्यक्षता में समय-सीमा संबंधी लंबित पत्रों के निराकरण की प्रगति तथा अंतरविभागीय समन्वय से संबंधित मामलों की समीक्षा बैठक कलेक्टर सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती शीतला पटले, अपर कलेक्टर श्री प्रकाश सिंह चौहान, श्री महेन्द्र सिंह कवचे, संयुक्त कलेक्टर श्री सोभाराम सोलंकी, डिप्टी कलेक्टर सुश्री प्रिया वर्मा सहित अन्य विभागों के जिला अधिकारीगण उपस्थित थे। कलेक्टर श्री शुक्ला ने निर्देश दिये कि सीएम हेल्पलाइन पर लंबित आवेदनों का निराकरण एक सप्ताह के अंदर करें। सभी विभाग सीएम हेल्पलाइन पर 100 दिवस से अधिक लंबित शिकायतों का निराकरण प्राथमिकता के साथ करें। कलेक्टर श्री शुक्ला ने जिन विभागो में अधिक शिकायतें लंबित है उन विभागो के अधिकारियों को सचेत करते हुए त्वरित रिस्पांस देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा की समय-सीमा संबंधी प्रकरणों को शीघ्र निराकृत करें। सभी विभाग सीएम हेल्पलाइन और समय-सीमा संबंधित शिकायतों का निराकरण करने के बाद पोर्टल पर दर्ज अवश्य कराये जिससे शिकायतों की स्थिति स्पष्ट रूप से पोर्टल पर दिखाई देगी।
कलेक्टर श्री शुक्ला ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि सीएम हेल्पलाइन में लंबित सभी शिकायतों को निराकरण प्राथमिकता के साथ करें तथा निराकृत शिकायतों की जानकारी कलेक्टर कार्यालय में भी भेजे। सीएम हेल्पलाइन में दर्ज विभिन्न विभागों की शिकायतों का एल-1 पर ही निराकरण करें तथा शिकायतें एल-02 पर ना पहुंचे, इसका विशेष ध्यान रखे। अधिक समय से लंबित शिकायतों का निराकरण तुरन्त करें। सभी शिकायतें शत-प्रतिशत निराकृत हों। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक अधिकारी सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों को देखें एवं त्वरित कार्यवाही कर निराकृत करें। सभी विभाग प्रमुख अपने मोबाइल पर सीएम हेल्पलाइन एप डाउनलोड करे।
बैठक में विशेष रूप से बताया गया कि जिले में सभी संबल कार्ड धारी, खाद्यान पर्ची धारी एवं ऐसे सभी लोग जिनका नाम एस.ई.सी. सूची में हैं का आयुष्मान कार्ड बनाने का अभियान प्रारंभ किया जाएगा। जिससे गरीब परिवार भी शासकीय एवं प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज निःशुल्क करा सके। कलेक्टर श्री शुक्ला ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने प्रभार के क्षेत्र में, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जिनके पास अभी आयुष्मान कार्ड नहीं है उनके कार्ड बनाने का अभियान प्रारंभ करेंगे।
उल्लेखनीय है कि इस कार्ड के मिल जाने से परिवार का कोई भी सदस्य बीमार होता है या उसे शल्य चिकित्सा की आवश्यकता होती है तो उसे वर्ष में 5 लाख तक का इलाज मुफ्त मिलेगा। इसके लिए संबंधित हितग्राही को अपना इलाज चयनित अस्पताल में करवा सकतें है। इन अस्पतालों की सूची जिला चिकित्सालय या मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध है।