मुंबई भायंदर ओस्तवाल बगीची समता भवन 5 नवंबर 2024। अपने आप को हीन भावना से ग्रसित करना इससे बड़ा अधर्म और पाप और कुछ नहीं हो सकता। उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनि जी कमलेश ने संबोधित करते कहा कि अपने व्यवहार से किसी को हीन भावना का शिकार बनाना सबसे बड़ा पाप है । उन्होंने कहा कि हीन भावना आत्मा के सद्गुणों का नाश करती है दुर्गति का मेहमान बनती है ऐसी आत्मा का धार्मिकता में कैसे प्रवेश हो सकता है ।
मुनि कमलेश ने बताया कि हीन भावना से शिकार डिप्रेशन ब्लड प्रेशर हार्ड अटैक यहां तक साक्षात मौत का शिकार हो जाता है । राष्ट्र संत ने कहा कि हमें हीन भावना त्याग कर उमंग उत्साह से जीवन जीना चाहिए । जैन संत ने कहा कि किसी को हीन भावना से इग्नोर करना अपेक्षित करना अनादर करना साक्षात परमात्मा का अपमान करने के समान है ।
अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली गुजरात शाखा के प्रमुख इंदिरा बहन उत्तमचंद जी संचेती राजकोट ने कहा कि जो भी गुरुदेव के नजदीक आता है। आत्मविश्वास से परिपूर्ण होकर लौटता है । महिला शाखा की पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पुष्प जैन बैंगलोर, राष्ट्रीय उप मंत्री सरोज सुराणा औरंगाबाद आदि ने सभा को संबोधित किया।