चातुर्मास मे आराधना से व्यक्ति का आत्म कल्याण निश्चित होगा – पूज्य आचार्य श्री नयचंद्र सागरजी म.सा.
रतलाम । श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ गुजराती उपाश्रय मे चातुर्मास हेतु विराजित वर्धमान तपोनिधि श्री नयचन्द्रसागरजी म.सा.सहस्त्रावधानी डॉ श्री अजीत चंद्रसागर जी म.सा.आदि ठाणा 12 एवं प पूज्य साध्वी श्री अमि पूर्णा श्रीजी म सा प पूज्य साध्वी श्री अमिदर्शा श्रीजी म सा आदि ठाणा 14 का चातुर्मास साआनंदपूर्ण सम्पन्न हुआ।
चातुर्मास पूर्णाहुति के अवसर पर चातुर्मास परिवर्तन महोत्सव कार्तिक पूर्णिमा दिनांक 15 नवंबर 24 को हुआ। जिसका संपूर्ण लाभ मातोश्री सुगनबाई रखबचंद जी पोरवाड़ दाल मिल परिवार द्वारा लिया गया।
प्रातः 7:30 पर पूज्य आचार्यश्री आदि ठाणा गुरु भंगवंतो का वरघोड़ा आगमोद्धारक भवन से प्रारंभ होकर समता शीतल बाग छोटू भाई की बगीची पर पहुंचा। जहां पूज्य गुरु भगवंतो के प्रवचन हुए । पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि 4 माह के चातुर्मास के दौरान विविध तप आयोजन के साथ महाशतावधान ,करमंदी तीर्थ पर 450 से अधिक बालक बालिकाओं के बाल संघ निकला,पूज्य सागर जी महाराज साहब का 150 वा जन्मोत्सव,सुंदरी आयम्बिल तप जेसे कई अनुष्ठान हर्षोल्लास से संपन्न हुए जिसमें सभी महानुभावों ने लाभ लिया और भव्य आयोजन के माध्यम से श्री संघ के श्रावक-श्राविकाओं की आत्म शुद्धि व सन्मार्ग पर चलने हेतु प्रेरित करने का प्रयास किया गया मुझे आशा ही नही विश्वास है की ऐतिहासिक चातुर्मास से आपका हृदय परिवर्तन जरूर हुआ होगा।
पुरे चातुर्मास मे 120 दिनो का पौषध व्रत आराधक बाल मुमुक्षु सम्यगकुमारजी का पारणा एवं बहुमान लाभार्थी परिवार द्वारा किया गया।अंत मे परिवर्तन महोत्सव मे बडी संख्या मे पधारे समाजजनों का आभार लाभार्थी परिवार की ओर से अशोक जैन चौटाला द्वारा किया गया।
प्रवचन पश्चात परिवार द्वारा नवकारसी का आयोजन रखा गया। पूज्य आचार्य श्री की स्थिरता अशोक जैन चौटाला के निवास राजेन्द्र नगर पर रही।