सुश्रावक शांतिलाल बोहरा का देवलोकगमन होने पर परिजनों ने किया नेत्रदान और देहदान

रतलाम । नेत्रम संस्था के हेमन्त मुणत ने बताया की धर्मस्व नगरी में नेत्रदान के साथ देहदान के प्रति जागरूकता बढ़ती जा रही है। रतलाम के प्रतिष्ठित सुश्रवाक शांतिलाल बोहरा ( पिपलखुटा वाला) का सोमवार रात्रि में देवलोकगमन होने पर हेमन्त मूणत, गोविन्द काकानी राजेश मूणत (आरोग्यम), रोटे.यशवन्त पावेचा ने उनके पुत्र प्रो. मनोहर जैन पौत्र आदर्श जैन एवं परिजनों को समाजहित में नेत्रदान (कार्निया) दान करने एवम चिकित्सा शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शिक्षा एवं अनुसंधान के लिये देहदान की प्रेरणा दी। परिजनों की सहमति प्राप्त होते ही नेत्रम संस्था द्वारा गीता भवन न्यास बड़नगर के ट्रस्टी एवम नेत्रदान प्रभारी डॉ. जी.एल.ददरवाल को सूचित किया । सूचना प्राप्त होते ही वे अपनी टीम के साथ रात्रि में 12 बजे बडनगर से रतलाम पहुचे और नेत्रदान की प्रक्रिया पूर्ण कर सफलतापूर्वक नेत्रदान किया । नेत्रदान के समय हेमन्त मूणत, नवनीत मेहता, शलभ अग्रवाल, गोपाल पतरा वाला मोजूद थे। मंगलवार सुबह उनके निवास नागर वास से अंतिम यात्रा निकल कर मेडिकल कालेज पहुची । वहा देहदान की प्रक्रिया सम्पूर्ण कर उनके पार्थिव शरीर को मेडिकल कालेज की प्रशासनिक टीम के सुपुर्द किया देहदान के बारे में जानकारी समाजसेवी गोविंद काकानी, विभाग प्रभारी डॉ.जितेंद्र गुप्ता और डीन अनीता मूथा, प्रो.मनोहर जैन ने अपने उद्बोधन में उपस्थित विद्यार्थियों प्रेरणादायक मार्गदर्शन दिया । इस अवसर एसो. प्रो.डॉ राजेन्द्र सिंगरोले, सहा.प्रो विजय सिंह चौहान, डॉ. अनील पटेल डेमोस्टेटर, डॉ पुनीत शर्मा डेमोस्टेटर, डॉ. प्रवीण भारती PG, पुनीत शर्मा सहा. टेक्नीशियन छोगालाल प्रजापति, सुरेन्द्र मईड़ा, सुनील महावर, राजकुमार का सराहनीय सहयोग रहा अंतिम यात्रा में सम्मिलित परिजनों, कॉलेज के स्टाफ,विद्यार्थियों, मित्रगण ने 2 मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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