रतलाम । सायबर ठगी के नए नए तरीकों से लोगों को ठगने के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत पुलिस अधीक्षक रतलाम श्री अमित कुमार के निर्देशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतलाम श्री राकेश खाखा के मार्गदर्शन में सायबर क्राइम सेल रतलाम टीम द्वारा आम लोगो को सायबर ठगी ने नए नए तरीकों के प्रति आम लोगो को जागरूक करने के उद्देश्य से सायबर अपराधों के तरीके और उनसे बचने के उपाय के बारे में समय समय पर एडवाइजरी जारी की जा रही है। आज सायबर ग्रूमिंग एवं सोशल मीडिया फ्रॉड से बचने के संबंध में एडवाइजरी जारी की जा रही है। आजकल हर उम्र के व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग किया जा रहा है। सोशल मीडिया के उपयोग के दौरान बच्चों द्वारा यदि सावधानी नहीं रखी जाती है तो वे सायबर ग्रूमिंग का शिकार बन सकते है।
क्या है सायबर ग्रूमिंग ?
सोशल मीडिया पर कई बार सायबर अपराधी हमारे परिचित या दोस्त की फेक प्रोफाइल बनाकर उनके नाम से बातचीत शुरू करते है और बच्चों का विश्वास जीतकर धीरे धीरे बच्चों से व्यक्तिगत जानकारी, बच्चों के फोटोज, विडियोज लेकर बच्चों को ब्लैकमेल करते है। इस प्रकार की घटना बच्चों के परिचित या दोस्तो द्वारा भी की जा सकती है। शुरुआत में अपराधी बच्चों से उनकी रुचि अनुसार बाते करते है और धीरे धीरे उनका विश्वास जीत लेते है। फिर उनसे अश्लील बातें चैटिंग करने लगते है। बच्चों के अंतरंग फोटो वीडियो साझा करवा लेते है। फिर इन फोटो वीडियो या चैटिंग के स्क्रीन शॉट के माध्यम से बच्चों को ब्लैकमेल करते है और अपनी बातें मानने के लिए दबाव बनाते है।
सोशल मीडिया पर फ्रॉड ?
आजकल सायबर अपराधी बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट्स से जानकारी चुराकर उसका अध्ययन करते है और फिर उनके अभिभावकों को फोन कर फर्जी पुलिस केस या अपहरण की झूठी जानकारी सुनाकर ठगी का प्रयास करते है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर आकर्षक ऑफर और सस्ते समान का लालच देकर, आकर्षक प्रोफाइल पिक्चर लगाकर या विदेशी दोस्त बनकर भी जाल में फसाते है और धोखाधड़ी को अंजाम देते है।
सोशल मीडिया फ्रॉड और सायबर ग्रूमिंग से बचने के लिए बच्चों द्वारा रखी जाने वालीं सावधानियां
प्रोफाइल लॉक
सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट की प्रोफाइल लॉक रखे या सेफ गार्ड का यूज करे। जिससे कोई भी आपकी प्रोफाइल पिक्चर का स्क्रीन शॉट नहीं ले पाएगा, एवं अन्य जानकारी नहीं देख सकेगा। इससे आपकी प्रोफाइल क्लोनिंग नहीं हो पाएगी।
टू स्टेप वेरिफिकेशन सेटिंग्स सभी सोशल मीडिया अकाउंट के लिए टू स्टेप वेरिफिकेशन सेटिंग्स को इनेबल रखे।
सुरक्षित पासवर्ड
हमेशा अपने सोशल मीडिया अकाउंट का एक मजबूत पासवर्ड रखे जिसे समय समय पर बदलते रहे। किसी भी न्यू डिवाइस पर सोशल मीडिया यूज करने पर ब्राउजर में पासवर्ड सेव करने की परमिशन को अलाऊ नहीं करे एवं बाद में उसे लॉग आउट करना न भूले। सोशल मीडिया अकाउंट से लिंक मेल आईडी के लिए भी यही सुरक्षा मापदंड अपनाए।
अननोन फ्रेंड रिक्वेस्ट
सोशल मीडिया पर अननोन व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करे। अपराधी कोई आकर्षक डीपी लगाकर भी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते है। ऐसे लोग यदि आपकी फ्रेंड लिस्ट में जुड़ जाते है तो आपकी जानकारी चुराकर उसका दुरुपयोग कर सकते है।
फेक प्रोफाइल से सावधानी – कभी कभी साइबर अपराधी आपके परिचित की फोटो लगे अकाउंट से भी रिक्वेस्ट भेजते है। कोई भी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने से पहले यह जांच ले की यह फेक अकाउंट तो नहीं है ? उसके बाद ही उसे फ्रेंड लिस्ट में एड करे।
निजी जानकारी साझा न करे
सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की निजी जानकारी साझा नहीं करना चाहिए। सोशल मीडिया फ्रेंड्स के साथ किसी भी प्रकार के अपने व्यक्तिगत फोटो वीडियो साझा नहीं करना चाहिए। आपके परिवार के बारे में भी कोई जानकारी नहीं देना चाहिए।
प्राइवेसी सेटिंग्स
सोशल मीडिया पर कोई भी पोस्ट, फोटो या वीडियो शेयर करते समय प्राइवेसी सेटिंग्स ऑप्शन का उपयोग करना चाहिए। जिससे कि पोस्ट केवल उन्हीं व्यक्ति तक पहुंचेगी जिन्हें हम भेजना चाहते है।
अनजान लिंक
सोशल मीडिया पर कई बार हमें फ्रेंड्स के माध्यम से इनबॉक्स में या किसी पोस्ट के कॉमेंटबॉक्स में या किसी आकर्षक ऑफर के साथ पोस्ट की गई कोई लिंक मिल जाती है। जिसे जल्दबाजी में बिना सोचे समझे हम उस पर क्लिक कर देते है। जिससे कि हमारे फोन का एक्सेस सायबर अपराधियों के पास चले जाता है।
आकर्षक ऑफर से रहे सावधान
सोशल मीडिया पर बहुत आकर्षक ऑफर में कोई चीज हमे बाजार मूल्य से बहुत सस्ती दिखाई जाती है। यह सायबर फ्रॉड हो सकता है। सोशल मीडिया पर प्रसारित इस प्रकार के विज्ञापनों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।
अभिभावकों के लिए संदेश
सोशल मीडिया पर बच्चों की सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है। यदि बच्चे सोशल मीडिया उपयोग के दौरान सतर्क नहीं रहते, तो वे सायबर अपराधियों का शिकार बन सकते हैं। सायबर अपराधियों से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए अभिभावकों को बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखना और उनके साथ संवाद बनाए रखना महत्वपूर्ण है। बच्चों को सिखाएं कि वे अपने व्यक्तिगत विवरण (फोन नंबर, पता, स्कूल का नाम) ऑनलाइन साझा न करें। बच्चों को सिखाएं कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स के लिए मजबूत और सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करें।
बच्चों से इस प्रकार संवाद स्थापित करे कि सोशल मीडिया के माध्यम से यदि उनको ब्लैकमेल करे तो तुरंत बिना डरे माता पिता व पुलिस को बताए। बच्चों को यह भी बताए कि पुलिस पीड़ित बच्चों की पहचान को उजागर किए बिना हरसंभव मदद करती है।