त्रिवेणी के पावन तट पर 71 वां महारूद्र यज्ञ 21 दिसंबर से, कई समाजों को किया आमंत्रित

रतलाम । त्रिवेणी के पावन तट पर 21 दिसंबर से 31 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले 71 वां महारूद्र यज्ञ में कुछ नए बदलाव होने जा रहे है । सनातन धर्म सभा अध्यक्ष अनिल झालानी ने बताया कि कई दिनों से सनातन समाज के कई घटकों द्वारा यह भावना व्यक्त की जा रही थी कि महारुद्र यज्ञ के आयोजन में सनातन धर्म के विभिन्न समाजों को यथोचित रूप से सम्मान देने एवं उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न समाजों को इसी में किसी न किसी रूप में जोड़ा जाए तथा उन्हें प्रतिनिधित्व देते हुए महत्व दिया जाए। इस बात पर विचार करते हुए विगत दिवस सनातन धर्म सभा की बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया था की समाजों को जोडऩे का प्राथमिक स्तर पर यह अभियान प्रारंभ किया जाए कि निकट भविष्य आयोजित होने वाले महारुद्र यज्ञ में विभिन्न समाजों को आरती में भाग लेने हेतु आमंत्रित किया जाए।
इस प्रस्ताव को लेकर अविनाश व्यास एवं जनक नागल विभिन्न समाजों के अध्यक्षों, सचिवों, प्रमुखों, पटेलों से घर-घर जाकर उन्हें ढूंढ कर उनके नाम पते पता लगाकर एकत्रित कर उनसे संपर्क स्थापित कर उन्हें आमंत्रित किया जा रहा हैं। अभी तक लगभग 75 समाजों से सीधा सम्पर्क साधा जा चुका है और उन्हें घर-घर जाकर 21 दिसंबर से 31 दिसंबर के मध्य किसी भी एक दिन उनके समाज के जितने भी अधिकतम सदस्य संभव हो सके उनको लाकर के सायंकाल 5 बजे होने वाली आरती में सम्मिलित हो गए तथा उनके नाम का उल्लेख किया जाएगा। जिससे कि समाज में एकजुटता स्थापित हो तथा सामाजिक समरसता की दिशा में यह एक नया कदम हो। इसके लिए यज्ञ स्थल पर चार द्वार में से एक द्वारा अलग से निर्धारित किया जावेगा।
सनातन समाज के इस पहल का विभिन्न समाजों द्वारा बहुत ही अनुकूल प्रतिक्रिया मिली है तथा इस पहल का स्वागत करते हुए हर समाज ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त किया और तथा अधिक से अधिक लोगों को लाने का आश्वासन दिया है । सनातन समाज की विभिन्न घटकों में विगत वर्षों से जो परस्पर कोई संपर्क नहीं था । सनातन धर्म सभा की इस मुहिम में लोगों को एक मंच पर आने का एक उत्तम अवसर दिया है जिससे जुड़कर लोगों को एक दूसरे से निकट आने तथा परस्पर परिचय का मौका मिलेगा।
वहीं दूसरी ओर नवनीत सोनी, मनोहर पोरवाल, राजेन्द्र शर्मा, कपूर सोनी, देव शंकर पंड्या, बसंत पंड्या, चेतन शर्मा, सत्यदीप भट्ट आदि ने अर्थ प्रबंध त्रिवेणी यज्ञ के इंतजाम की व्यवस्था संभाल रखी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *