71 वें महारूद्र यज्ञ में 21 भूदेवों के मंत्रोच्चार से लघु रूद्र की आहुतियां देकर विश्व शांति की कामना की

रतलाम । यज्ञ से स्वास्थ्य, धन, शांति, प्रसन्नता आदि कामनाओं की पूर्ति होती है और हर प्रकार के डर तथा तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। यज्ञ से आध्यात्मिक वृद्धि होती है । ग्रहों के हानिकारक प्रभावों को कम
करने में मदद मिलती है। भक्तों के जीवन में खुशियाँ आती है । यह बात आचार्य पंडित दुर्गाशंकर ओझा ने कहीं । त्रिवेणी के पावन तट पर श्री सनातन धर्म सभा एवं महारूद्र यज्ञ समिति के बैनर तले 71 वां महारूद्र यज्ञ का आयोजन चल रहा है । जिसमें 21 भूदेवों के मंत्रोच्चार से लघु रूद्र की आहूतियाँ मुख्य यजमान श्रीमती प्रेमलता संजय दवे दम्पत्ति द्वारा दी गई । आरती के पश्चात प्रसाद वितरण हुआ । संध्या में कालिका माता भजन मंडल द्वारा भक्तिमय भजनों की प्रस्तुति दी गई ।
71 वे महारुद्र यज्ञ में यज्ञ नारायण की आरती मे आमंत्रित समाज पंचान अग्रवाल समाज से शांतिलाल चौधरी, सारस्वत ब्राह्मण समाज से संजी व्यास, पारिख ब्राह्मण समाज से भगवान दास पारिख, बृजवासी प्रजापति समाज से तरुण प्रजापति, कुमावत सिलावट समाज से मोहन लाल कुमावत, गवली समाज से गोविन्द रौतेला, मालवी लुहार समाज से ओमप्रकाश मालवी, वाघेला समाज से दिनेश वाघेला, पाल समाज से बाबुलाल पाल, श्री जांगीड़ ब्राह्मण समाज से जनक नागल, त्रिवेदी मेवाड़ा ब्राह्मण समाज से सुरेश जोशी, गुर्जर गौड़ ब्राह्मण समाज से राजेश तिवारी, हेमेन्द्र उपाध्याय, गुजराती सेन समाज से राधेश्याम परिहार, जुना गुजराती पांचाल समाज से संदीप पांचाल, दामोदर वंशीय दर्जी समाज से राजेन्द्र सोलंकी, फुल माली समाज से सत्यनारायण सैनी, अखिल भारतीय बलाई महासंघ से बाबुलाल मालवीय, खाटुश्याम मंदिर समिति से कमलेश जोशी, इस्कान मंदिर समिति से रवि चौधरी, पंतजलि योगपीठ रतलाम से विशाल वर्मा आदि पदाधिकारियों द्वारा समाज बंधुओ एवं मातृशक्ति के साथ उपस्थित होकर यज्ञ नारायण की आरती की गई। आरती पश्चात आमंत्रित सभी सनातन समाज बंधुओं का आयोजन समिति की और से स्वागत कर सम्मान किया गया । आरती पश्चात प्रसादी का वितरण किया गया।

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