रतलाम 13 जनवरी । आज सोमवार को श्री जैन श्वेतांबर सोधर्म वृहत्त तपागच्छीय राजेंद्रसुरिश्वर त्रिस्तुतिक श्री संघ द्वारा नीम वाला उपाश्रय खेरादीवास में प. पू. राष्ट्र संत शिरोमणि आचार्य देवेश श्रीमद् विजय हेमेंद्र सुरिश्वर जी म.सा. के समुदायवर्ती प. पू. ज्योतिषाचार्य मुनि प्रवर श्री जयप्रभ विजय जी म.सा. के सुशिष्य एवं प.पू. ज्योतिष सम्राट आचार्य देवेश श्रीमद् विजय ऋषभचंद्र सुरिश्वर जी म.सा. के पट्टधर आचार्य देवेश श्रीमद् विजय श्री हितेश चंद्र सुरिश्वर जी म.सा., प.पू. ज्योतिषरत्न मुनिराज श्री दिव्यचंद्रविजय जी म.सा., प.पू.मुनिराज श्री पुष्पेंद्र विजय जी म.सा.,प.पू.मुनिराज श्री रूपेंद्रविजय जी म.सा.,प.पू.मुनिराज श्री वैराग्ययशविजय जी म.सा. आदि ठाणा -5 का मंगल पदार्पण रतलाम शहर में हुआ। श्री संघ की विनती को स्वीकार कर आचार्य देवेश श्रीमद् विजय हेमेंद्रचंद्र सुरिश्वर जी म.सा. आचार्य पदवी के बाद प्रथम बार रत्नपुरी की धरा पर पधारे हैं। इसमें रतलाम श्री संघ का परम सौभाग्य है कि आचार्य पद प्रथम पाटोत्सव आयोजन का अवसर प्राप्त हुआ है। आज 9:00 बजे सामैया रहा । सामैया का स्थान सैलाना वालों की हवेली मोहन टॉकीज से प्रारंभ हुआ जो नगर के विभिन्न मार्गो से होता हुआ नीम वाला उपाश्रय में मंगल प्रवेश व गुणानुवाद के पश्चात आचार्य देवेश श्रीमद् विजय श्री हितेश चंद्र सुरिश्वर जी म.सा. ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि समाज को एकजुट रहना चाहिए।सब मिलकर चलना चाहिए। किसी भी गुरु को मानो को कोई प्रॉब्लम नहीं है।लेकिन समाज एक होना चाहिए। गुरु को लेकर कभी अलग नहीं होना चाहिए क्योंकि समाज समाज होता है। त्रिस्तुतिक समाज के जितने भी महात्मा है, साधु है। राजेंद्र सूरी जी महाराज साहब की द्वितीय शताब्दी समारोह होने वाला है। जितने भी महात्मा है उनको 2027 में मोहनखेड़ा तीर्थ में चातुर्मास करने की भावना रखते हैं इसके लिए वह स्वयं पुरुषार्थ कर रहे हैं। जितने भी राजेंद्र सुरेश्वर जी म.सा. के परंपरा में आचार्य है साधु है,सबको वह मोहनखेड़ा तीर्थ में आने के लिए निवेदन करते हैं इस तरह से सभी समाज जैन साधु संतों को बुलाकर एकजुटता का संदेश दे रहे हैं।
प.पु. मुनिराज श्री वैराग्य यश विजय जी मसा. अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन में तीन चीज होना अत्यंत जरूरी है पहला मुंह में मिठास रखो दूसरा तथा तीसरा दिल में सभी के प्रति प्यार रखो। प.पू. मुनिराज श्री पुष्पेंद्र विजय जी मसा. ने अपने उद्बोधन में कहा कि ग्रुप से अगर मांगना है तो गुरुदेव से प्रार्थना करो गुरु मेरी आत्मा का कल्याण करें तथा मुझे सद्मार्ग का दर्शन कराये, सद्मार्ग की और प्रेषित करें। प. पू. ज्योतिषरत्न मुनिराज श्री दिव्यचंद्र विजय जी म. सा. ने समाज की एकता पर जोर दिया।तत्पश्चात त्रीस्तुतिक श्री संघ व रतन राज मित्र मंडल द्वारा महाराज साहब स्वागत सम्मान कर कामली ओड़ाई गई। कल मंगल प्रवचन प्रातः 9:30 बजे रहेगा। श्री जैन श्वेतांबर सोधर्म वृहत्त तपागच्छीय राजेंद्रसुरिश्वर त्रिस्तुतिक श्री संघ, नीम वाला उपाश्रय व रत्नराज मित्र मंडल निवेदन करता है कि समाज जन अधिक से अधिक संख्या में पधार कर धर्म लाभ लेवे।उक्त जानकारी रत्नराज मित्र मंडल के अध्यक्ष अजय सिसोदिया ने दी।